माता चिंतपूर्णी और बाबा बालक नाथ मंदिर के लिए विकसित होंगे रोप-वे

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आरटीसी के अधिकारियों को माता चिंतपूर्णी मंदिर और बाबा बालक नाथ जी मंदिर दियोटसिद्ध के लिए रोप-वे विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं।

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Ropeway will be developed for Mata Chintpurni and Baba Balak Nath Temple   हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी मंदिर और बाबा बालक नाथ जी मंदिर दियोटसिद्ध के लिए रोप-वे विकसित होंगे। हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस संबंध में अधिकारियों को संभावनाएं तलाशने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को रोपवे एवं त्वरित परिवहन विकास निगम (आरटीडीसी) के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

शिमला। हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी मंदिर और बाबा बालक नाथ जी मंदिर दियोटसिद्ध के लिए रोप-वे विकसित होंगे। हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस संबंध में अधिकारियों को संभावनाएं तलाशने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को रोपवे एवं त्वरित परिवहन विकास निगम (आरटीडीसी) के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

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उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही सभी परियोजनाओं और गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि रोपवे परिवहन का पर्यावरण हितैषी साधन है। इसके माध्यम से हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा की दूरी पर्याप्त रूप से कम होती है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में एक किलोमीटर रोपवे लगभग 5-6 किलोमीटर सड़क दूरी के बराबर होता है।

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पर्यावरण के अनुकूल, स्वच्छ और हरित परिवहन के इस साधन को बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना है। इसके माध्यम से शहरों में भीड़-भाड़ को कम करने, छूटे हुए कस्बों में परिवहन सुविधा और पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा प्रदान किया जाएगा। आरटीडीसी ने शिमला में इस परियोजना के लिए जमीनी स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है।

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उप-मुख्यमंत्री ने आरटीडीसी को अगले पांच वर्षों में इस परियोजना का सुचारू रूप से संचालन शुरू करने के निर्देश दिए। परियोजना में 1546.40 करोड़ रुपये की लागत के साथ 15 स्टेशनों को जोड़ने वाले 14.69 किलोमीटर रोप-वे का नेटवर्क तैयार होगा। यह शहरी रोपवे परियोजना विश्व की अपनी तरह की दूसरी और भारत में पहली परियोजना होगी। प्रदेश सरकार धर्मशाला और मनाली के लिए शहरी रोप-वे परियोजनाएं विकसित करने की योजना बना रही है।

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डिप्टी सीएम ने आरटीडीसी को राज्य में ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के तहत रोपवे विकास के लिए नाबार्ड के दिशा-निर्देशों को तत्काल स्वीकृति के लिए मंत्रिमण्डल की बैठक में लाने के निर्देश दिए ताकि 329 असंबद्ध बस्तियों (250 से जनसंख्या से अधिक) को संपर्क सुविधा प्रदान करने के लिए समग्र रोपवे का निर्माण करने के साथ-साथ कृषि और बागवानी उत्पादों की ढुलाई नाबार्ड आरआईडीएफ के तहत बड़े पैमाने पर की जा सके।

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उन्होंने आरटीडीसी को अगले पांच वर्षों में प्रत्येक जिले में कम से कम एक रोपवे विकसित करने के निर्देश दिए ताकि राज्य में संपर्क सुविधा बढ़ाकर रोजगार सृजन के साथ-साथ पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा मिल सके। बैठक में प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नजीम, आरटीडीसी के निदेशक अजय शर्मा, आरटीडीसी के मुख्य महाप्रबंधक रोहित ठाकुर और निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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