दियोटसिद्ध मंदिर में ज्येष्ठ रविवार को उमड़ा आस्था का सैलाब

मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने टेका माथा, रिमझिम बारिश में लगी भक्तों की कतारें  
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लगी भक्तों की कतारें

हमीरपुर ।  उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में ज्येष्ठ रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा जी की पवित्र गुफा में शीश नवाया व बाबाजी का आर्शीवाद लिया। शनिवार शाम से हो रही रिमझिम बारिश भी श्रद्धालुओं की आस्था के सैलाब को नहीं रोक सकी। ज्येष्ठ रविवार होने के कारण सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारें लगना शुरू हो गई थी व मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। बाहरी प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालु पौणाहारी के जयकारों से अपनी यात्रा मंदिर की गुफा के लिए शुरू कर रहे थे।


बताते चलें कि मन्नते परवान करने के लिए देश विदेश के हजारों श्रद्धालुओं ने ज्येष्ठ रविवार को बाबाजी की पवित्र गुफा में माथा टेका व आर्शिवाद लिया। दियोटसिद्ध मंदिर में पंजाब, हरियाणा व देश व विदेश से श्रद्धालु बाबा बालक नाथ के दर्शनों के लिए लगातार पहुंच रहे है। भक्तों ने इस दौरान पवित्र गुफा में रोट प्रसाद का भोग बाबाजी को श्रद्वा से अर्पित किया। वहीं मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह जगह पर शीतल पेयजल की व्यवस्था कर रखी थी, ताकि गुफा की चढ़ाई चढ़ते समय श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ सके।

पुलिस प्रशासन भी बड़ी मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहा था व भीड़ को कंट्रोल कर के बारी बारी श्रद्धालुओं को गुफा के दर्शन करने के लिए भेज रहे थे। हालांकि मातृशक्ति गुफज्ञ दर्शन के लिए बने कपाट से सादगी से दर्शन कर रही थी। गौर रहे कि शनिवार शाम को ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था तथा सुबह होते होते मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। श्रद्धालु गुफा दर्शन करने के बाद गद्दी आसीन महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरी से आशीर्वाद लेने के लिए महंत निवास पर पहुंच रहे थे। सावन के महीने में श्रद्धालु गुफा दर्शन के बाद महंत से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ताकि उनकी यात्रा सफल हो सके।


उधर मंदिर कार्यकारी अधिकारी अजय कुमार बताया कि ज्येष्ठ रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने गुफा के दर्शन करके बाबाजी का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं शुरू कर रखी हैं। अपंग, असहाय, बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए बस अड्डा से लेकर लंगर भवन तक निशुल्क टैक्सी सेवा शुरू की है, ताकि ऐसे बाबाजी के भक्तों को आने जाने में असुविधा न हो सके।

उन्होंने बताया कि ज्येष्ठ रविवार को ही रात को भी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले रखे गए हैं, बाकी दिनों में मंदिर सुबह पांच बजे से लेकर शाम नौ बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा।


 

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