हिमाचल में सत्ता बदलते ही पहले भी बंद हुए हैं सीमेंट प्लांट, पढ़िए ये खास रिपोर्ट

पहले जब सीमेंट प्लांट बंद हुआ उस दौरान कंपनी का संचालन किसी और के पास था। इस बार दाड़लाघाट में अंबुजा और बरमाणा में एसीसी सीमेंट प्लांट का संचालन का जिम्मा एक ही अडाणी समूह के पास है।
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हिमाचल के बरमाणा स्थित एसीसी  और दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट में 14 दिसंबर को अचानक से अडाणी समूह ने प्रोडक्शन को बंद कर दिया है। कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के बीच मालभाड़े को लेकर विवाद चल रहा है। कहा जा रहा है कि इसी कारण अडाणी समूह ने तुरंत प्रभाव से दोनों ही सीमेंट प्लांट को बंद कर दिया है। मगर यह पहला मौका नहीं है, जब हिमाचल में सीमेंट प्लांट बंद किया गया है।

धर्मशाला। हिमाचल के बरमाणा स्थित एसीसी  और दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट में 14 दिसंबर को अचानक से अडाणी समूह ने प्रोडक्शन को बंद कर दिया है। कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के बीच मालभाड़े को लेकर विवाद चल रहा है। कहा जा रहा है कि इसी कारण अडाणी समूह ने तुरंत प्रभाव से दोनों ही सीमेंट प्लांट को बंद कर दिया है। मगर यह पहला मौका नहीं है, जब हिमाचल में सीमेंट प्लांट बंद किया गया है।

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रियलिटी यह है कि हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही किसी न किसी बात पर पहले भी सीमेंट प्लांट में प्रोडक्शन बंद हो चुके हैं। बात दिसंबर 2007 की है कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और एक साल के भीतर ही बिलासपुर के बरमाणा स्थित एसीसी सीमेंट प्लांट को बंद कर दिया गया। कंपनी ने उस वक्त कहा था कि सीमेंट की डिमांड बहुत कम हो गई है। 

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मगर सोचने वाली बात यह है कि 2007 में प्लांट बंद करने के ठीक एक महीना पहले ही यानी नवबंर की शुरुआत में एसीसी और अंबुजा ने प्रति बैग दाम में 2 से 6 रुपये की कटौती की थी। हालांकि फिर भी कंपनी ने प्रोडक्शन बंद किया और साथ ही एक्साइज ड्यूटी को युक्तिसंगत करने के भी आग्रह किया। सरकार के साथ वार्ता करके कंपनी ने दोबारा फिर से सीमेंट प्रोडक्शन शुरू किया।

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दिसंबर 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में हिमाचल की सत्ता फिर कांग्रेस के हाथ में चली गई। वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने कामकाज शुरू किया तो फिर से बिलासपुर के बरमाणा स्थित एसीसी सीमेंट प्लांट में प्रोडक्शन को कुछ दिन के लिए बंद कर दिया गया। उस दौरान कंपनी ने कहा कि क्लींकर के लिए इन्वेंटरी बिल्डअप करना है। आयात को लेकर सरकारी स्तर पर जुड़ी कुछ बातों को भी उठाया।

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पहले जब कंपनी ने सीमेंट प्लांट बंद किया, उस दौरान कंपनी का संचालन किसी और के पास था, जबकि इस बार दाड़लाघाट में अंबुजा और बरमाणा में एसीसी सीमेंट प्लांट का संचालन एक ही ग्रुप यानी अडाणी समूह के पास है। अब फिर हिमाचल के दो बड़े सीमेंट प्लांट को बंद कर दिया गया है। इस बार वजह ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के साथ मालभाड़े पर सहमति न बनना बताया जा रहा है।

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हिमाचल प्रदेश में तीसरी बार कंपनी के शटडाउन करने के बाद सरकारी तंत्र भी इसमें कूद चुका है। मसले को सुलझाने के दो बैठक सोलन और बिलासपुर जिलों के डीसी ट्रक ऑपरेटर और कंपनी के अधिकारियों के साथ बैंठकें कर चुके हैं, लेकिन अभी तक नतीजा शून्य है। प्रदेश में विकास कार्य भी प्रभावित होने लगे हैं, मगर सरकार ने विकास कार्यों को जारी रखने के लिए अल्ट्राटेक कंपनी से सीमेंट खरीदने के लिए सहमति दे दी है।

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