धर्मशाला सरस मेले में सोमभद्रा उत्पादों के स्वाद ने जीता सबका दिल

30 मार्च तक चलने वाले सरस मेले में सोमभद्रा उत्पादों के चार स्टॉलों में दलिया, सेवियां, पापड़, आचार, चटनी व मुरब्बा इत्यादि सोमभद्रा के साथ लिस्ट किए गए अन्य उत्पादों को बिक्री के लिए रखा गया है।
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अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्री मेले के बाद धर्मशाला में 21 मार्च से आरंभ हुए सरस मेले में जिला ऊना के सोमभद्रा उत्पादों के स्वाद ने धूम मचा दी है। 30 मार्च तक धर्मशाला में चलने वाले सरस मेले में सोमभद्रा उत्पादों के चार स्टॉल स्थापित किए गए हैं। इनमें दलिया, सेवियां, पापड़, आचार, चटनी व मुरब्बा इत्यादि सोमभद्रा के साथ लिस्ट किए गए अन्य उत्पादों को बिक्री के लिए रखा गया है। लोगों में सोमभद्रा उत्पादों की खरीददारी के प्रति काफी रुझान देखने को मिल रहा है। साथ ही ऊना जिला में तैयार होने वाले बांस के बने उत्पाद भी धर्मशाला में हाथों हाथ बिक रहे हैं।

ऊना। अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि मेले के बाद धर्मशाला में 21 मार्च से आरंभ हुए सरस मेले में जिला ऊना के सोमभद्रा उत्पादों के स्वाद ने धूम मचा दी है। 30 मार्च तक धर्मशाला में चलने वाले सरस मेले में सोमभद्रा उत्पादों के चार स्टॉल स्थापित किए गए हैं। इनमें दलिया, सेवियां, पापड़, आचार, चटनी व मुरब्बा इत्यादि सोमभद्रा के साथ लिस्ट किए गए अन्य उत्पादों को बिक्री के लिए रखा गया है। लोगों में सोमभद्रा उत्पादों की खरीददारी के प्रति काफी रुझान देखने को मिल रहा है। साथ ही ऊना जिला में तैयार होने वाले बांस के बने उत्पाद भी धर्मशाला में हाथों हाथ बिक रहे हैं।

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उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा "धर्मशाला सरस मेले में सोमभद्रा उत्पादों के प्रति खरीददारों का उत्साह बना हुआ है। शुरूआती तीन दिन में ही 36 हजार रुपए से अधिक के उत्पादों की बिक्री हुई है। आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ेगा क्योंकि रविवार को छुट्टी वाले दिन अधिक लोगों के मेले में आने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि मेले में भी सोमभद्रा उत्पाद मुख्य आकर्षण बने।" वन मंत्री राकेश पठानिया ने भी सोमभद्रा उत्पादों के स्टॉल का निरीक्षण किया और उत्पादों की तारीफ की। वहीं, धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया भी सोमभद्रा उत्पादों के स्टॉल का जायजा लिया और यहां रखे गए उत्पादों में विशेष रूचि दिखाई।

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जिलाधीश राघव शर्मा ने कहा कि जिला ऊना में महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों में एकरूपता लाने के लिए उन्हें सोमभद्रा नाम से मार्केट करने की पहल जिला प्रशासन ने की है। सोमभद्रा उत्पादों में गुणवत्ता पर विशेष फोकस रहता है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। पहले स्वयं सहायता समूह अलग-अलग नामों से अपने उत्पाद बेचते थे, लेकिन अब उनके उत्पादों को लिस्ट कर सोमभद्रा ब्रांड नेम के तहत पैक कर बाजार में बेचा जा रहा है। इस निर्णय से स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को एक नई पहचान मिली है, जिससे बाजार का इन उत्पादों के प्रति रुझान बढ़ा है और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की आय में वृद्धि हो रही है। 

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