हिमाचल के विधायकों को सैर-सपाटे के लिए 13.60 करोड़ का फंड, कर्मचारी वेतन-पेंशन के लिए कर रहे प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश में रिटायरमेंट के बाद पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में लगातार धरना दे रहे हैं। लेकिन सरकार ने अब तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है। 

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हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी वेतन विंसगतियों, ओल्ड पेंशन और पक्की नौकरी की मांगों को लेकर सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मगर सरकार उनकी मांगों पर अभी गौर नहीं कर रही है। वहीं, जयराम ठाकुर की सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों के लिए मौज लगा दी है। जयराम सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों की सैर-सपाटे की सालाना सीमा भी बढ़ा दी है। अब एक विधायक सैर सपाटे पर एक साल में चार लाख रुपये खर्च कर सकता है। यानी हिमाचल प्रदेश में 68 विधायक हैं और सरकार सालाना इन विधायकों के सैर सपाटे पर करीब पौन तीन करोड़ रुपये खर्च करेगी।

हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी वेतन विंसगतियों, ओल्ड पेंशन और पक्की नौकरी की मांगों को लेकर सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मगर सरकार उनकी मांगों पर अभी गौर नहीं कर रही है। वहीं, जयराम ठाकुर की सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों के लिए मौज लगा दी है। जयराम सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों की सैर-सपाटे की सालाना सीमा भी बढ़ा दी है। अब एक विधायक सैर सपाटे पर एक साल में चार लाख रुपये खर्च कर सकता है। यानी हिमाचल प्रदेश में 68 विधायक हैं और सरकार सालाना इन विधायकों के सैर सपाटे पर करीब पौन तीन करोड़ रुपये खर्च करेगी।

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दरअसल, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में विधायकों के सैर-सपाटे की सालाना सीमा को बढ़ाने की मंजूरी दी गई। विधानसभा की सुख-सुविधा समिति की सिफारिश पर कैबिनेट ने यह फैसला लिया है। इसके अनुसार, यात्रा भत्ते के हिस्से के रूप में बोर्डिंग एंड लॉजिंग एलाउंस को सालाना ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख कर दिया है। यानी अब पांच साल में एक विधायक 20 लाख रुपए सैर-सपाटे पर खर्च कर सकता हैं। और 68 विधायकों का यह खर्च 13 करोड़ 60 लाख रुपये विधायकों के सिर्फ सैर-सपाटे पर ही खर्च होंगे।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई लिमिट को विधायक दो दिन में भी 4 लाख रुपये खर्च कर सकता है और साल भर में भी 4 लाख रुपये की राशि खर्च की जा सकती है। इसके साथ ही प्रदेश से बाहर होटल का कमरा लेने पर लगी 7500 रुपये की सीमा को भी सरकार ने हटा दिया है। यानी विधायक प्रदेश से बाहर जाने पर अब किसी भी रेंज तक का महंगा कमरा ले सकते हैं और एक्चुअल बिल क्लेम कर सकते हैं। वहीं, पूर्व विधायकों के लिए पेंशन बढ़ाने का भी सरकार पर दबाव है और इसके लिए भी विधानसभा सुख-सुविधा कमेटी की बैठक बुला ली गई है.

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ओल्ड पेंशन मांग रहे कर्मचारी
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद ओल्ड पेंशन (Old Pension Scheme) बहाली की मांग कर रहे हैं। वे लगातार धरना दे रहे हैं। बीते सप्ताह शिमला में विधानसभा परिसर में भी धरना दिया गया था। लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने अब तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है। वहीं, विधायकों के लिए सैर-सपाटे की रकम बढ़ाने का विरोध सोशल मीडिया पर शुरू हो गया है। बता दें कि हिमाचल कैबिनेट की अगली बैठक अब 20 मार्च यानी रविवार को होगी। बैठक में आबकारी नीति को लेकर सरकार ने चर्चा होगी।

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