चम्बा विधायक का पत्ता होगा साफ, चुनावी अखाड़े में उतरने को तैयार भाजपा के चार पदाधिकारी

जिला चम्बा की सदर सीट की सियासत भी इस बार काफी रोचक होगी। संगठन और आरएसएस के फीडबैक के आधार पर चम्बा सदर के वर्तमान विधायक की टिकट कटना भी तय माना जा रहा है।

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जिला चम्बा की सदर सीट की सियासत भी इस बार काफी रोचक होगी। संगठन और आरएसएस के फीडबैक के आधार पर चम्बा सदर के वर्तमान विधायक की टिकट कटना भी तय माना जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। कई भाजपा के विधायक और मंत्री रडार पर हैं, जिन्हें इस बार सत्ता से किनारे किया जाएगा। संगठन स्तर पर इसकी चर्चाएं जोरों पर हैं। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के संगठन की फीडबैक ने कई वर्तमान विधायकों की नींद हराम कर दी है। जिला चम्बा की सदर सीट की सियासत भी इस बार काफी रोचक होगी। संगठन और आरएसएस के फीडबैक के आधार पर चम्बा सदर के वर्तमान विधायक की टिकट कटना भी तय माना जा रहा है।

चम्बा में भाजपा की टिकट हासिल करने के लिए कई नेता लाइन में लगे हुए हैं। इनमें चाहे भाजपा जिलाध्यक्ष जसबीर नागपाल हो या फिर जय सिंह। इनके अलावा धीरज नरयाल, डॉ. केशव वर्मा और दिनेश हैप्पी के नामों पर लगातार चर्चा हो रही है। भाजपा के वर्तमान जिला अध्यक्ष जसबीर नागपाल को चम्बा सदर विधानसभा क्षेत्र से टिकट का प्रबल और सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर धीरज नरयाल भी मजबूती के साथ अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। ऐसे में चम्बा में भाजपा की सियासत काफी चर्चा में बनी हुई है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार चम्बा सदर सीट पर बदलाव तय है। संघ और संगठन के आंतरिक सर्वे में साफ देखने को मिला है कि चम्बा शहर के लोग अब शहर से ही अपना प्रतिनिधि चुनना चाहते हैं। इसी कारण जसबीर नागपाल को नाम सबसे आगे चल रहा है। इसके अलावा दूसरे नंबर पर भाजपा के जिला महामंत्री धीरज नरयाल भी टिकट के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। एससी/एसटी कॉरपोरेशन के वाइस चेयरमैन जय सिंह भी इसी दौड़ में हैं, लेकिन मूलतः ग्रामीण और दूसरे विधानसभा क्षेत्र से आने के कारण इनको टिकट मिलने की संभावनाएं कम हैं।

जसबीर नागपाल की खासियत ये है कि वह लंबे समय तक संघ में रहे हैं। उन्होंने कोरोना काल में योगराज शर्मा के निधन के बाद भाजपा का जिलाध्यक्ष चुना गया था। इसके अलावा इनकी संघ और संगठन में अच्छी पैठ है व शहरी क्षेत्र से आते हैं। पार्टी सूत्रों में अनुसार शहरी मतदाता की भावनाओं और उनकी चाहत को देखते हुए इस बार भाजपा नागपाल को ही आगे किया जाएगा। जहां तक एडवोकेट जय सिंह का सवाल है तो वह भी टिकट के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं, लेकिन मतदाताओं और पार्टी हाईकमान का फैसला ही अंतिम निर्णय होगा।

दो बार भाजपा से हारे थे भाजपा के वर्तमान विधायक
आपको बता दें कि चम्बा सदर के वर्तमान विधायक पवन नैय्यर कांग्रेस पार्टी में रहकर भाजपा के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा में आने के बाद वह अच्छे मतों से विजयी हुए थे। मगर पवन नैय्यर को टिकट देने के कारण भाजपा के कई नेता नाराज हो गए थे। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने यहां तक कह दिया था कि वर्षों पार्टी की सेवा करने वालों को किनारा करके कांग्रेस से आए नेता को टिकट दिया है। उस वक्त भी धीरज नरयाल ने मजबूत दावेदारी पेश की थी, लेकिन अंत में पार्टी का फैसला स्वीकार कर लिया था।

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