अदाणी सीमेंट प्लांट बंद, डीसी के साथ बैठक में नहीं पहुंचे ट्रांसपोटर्स, बिलासपुर में भी नहीं निकला समाधान

अदाणी कंपनी ने घाटे का हवाला देते हुए बरमाणा स्थित एसीसी और दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है।
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बिलासपुर । अदाणी कंपनी ने दाड़लाघाट में प्रोडक्शन गेट बंद कर दिया है। सड़कों के किनारे ट्रकों की लाइनें लगी हैं। वीरवार को उपायुक्त सोलन कृतिका कुल्हारी के साथ बैठक में ट्रांसपोटर्स नहीं पहुंचे। कहा कि अगर हड़ताल की होती तो प्रशासन के साथ वार्ता करते। वहीं बरमाणा स्थित एसीसी प्लांट को लेकर वीरवार को  उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर में एसीसी प्रबंधन, लेबर विभाग और बिलासपुर जिला ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा  प्रबंधन के बीच बैठक शुरू हुई।


एसीसी कंपनी के अधिकारी प्लांट से बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में निकले। पहले उपायुक्त ने एक-एक कर सभी का पक्ष जाना। उसके बाद बीडीटीएस और एसीसी प्रबंधन को एक साथ बैठक की। लेकिन साढ़े तीन घंटे की माथापच्ची के बाद भी एसीसी प्रबंधन अपनी बात पर ही अड़ा रहा। उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय ने कहा कि बीडीटीएस के पदाधिकारियों ने उनसे 20 दिसंबर तक का समय मांगा है।



बता दें कि अदाणी कंपनी ने घाटे का हवाला देते हुए बुधवार से बरमाणा स्थित एसीसी और दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। बरमाणा स्थित प्लांट हेड ने नोटिस जारी कर सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने से इन्कार भी कर दिया है। इस फैसले से बरमाणा में काम करने वाले 980 कर्मचारियों और करीब 3,800 ट्रक ऑपरेटरों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। इनमें 530 नियमित और 450 कर्मचारी ठेके पर रखे गए हैं, जबकि करीब 2,300 ट्रक बीडीटीएस और 1,500 ट्रक पूर्व सैनिकों के सीमेंट ढुलाई करते हैं।

 

 

 

 

 

 

दूसरी ओर दाड़लाघाट में भी 500 नियमित कर्मचारी हैं, जबकि 300 कामगार ऐसे हैं जो ठेकेदार की ओर से कंपनी में काम करते हैं। इसके अलावा 3500 से अधिक ट्रांसपोर्टर हैं, जो प्रभावित होंगे। एसीसी सीमेंट प्लांट बरमाणा में काम बंद होने से 10,000 परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। 


बरमाणा स्थित प्लांट हेड अमिताव सिंह की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि परिवहन और कच्चे माल की लागत में वृद्धि और बाजार की मौजूदा स्थितियों के कारण सीमेंट ढुलाई में भारी कमी आई है, जिससे कंपनी के बाजार हिस्से पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए प्लांट से संबंधित सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए प्रबंधन मजबूर है और सभी कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि अगले निर्देश तक कार्य पर उपस्थित न हों। 

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