Himachal News : तबेले से सियुंर स्कूल को 15 दिन में नए भवन में शिफ्ट करने का दावा

भरमौर के सियुंर पंचायत के राजकीय उच्च पाठशाला के छात्रों को जल्द ही तबेले जैसे अस्थायी भवन से मुक्ति मिलने की उम्मीद है। भरमौर प्रशासन ने दावा किया है कि 15 दिन के भीतर स्कूल को नए भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
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जिला चम्बा जनजातीय क्षेत्र भरमौर के सियुंर पंचायत के राजकीय उच्च पाठशाला के छात्रों को जल्द ही तबेले जैसे अस्थायी भवन से मुक्ति मिलने की उम्मीद है। भरमौर प्रशासन ने दावा किया है कि 15 दिन के भीतर इस स्कूल को नए भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद ग्रामीणों और अभिभावकों में एक उम्मीद जगी है कि अब उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा वातावरण मिल सकेगा।  Tribal Education Neglect School Infrastructure Crisis Bharmaur Government High School Cattle Shed School 35-Year Demand for School Building Government Apathy in Education Himachal Education Decline MLA Janak Raj’s Protest Congress Government School Closures Tribal Children’s Future Educational Neglect in Himachal Pradesh Poor School Facilities State Assembly Issue Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu Educational Disparities in Rural India Lack of Basic Amenities Neglected Tribal Schools School as Cattle Shed Educational Ranking Drop Educational Infrastructure Failure| This is not just a story of one school but a glaring example of the hollow promises of government education policies and the neglect of tribal children’s futures. At the Government High School Sinyur in Bharmaur, where 50 students are enrolled, cattle are often tied up near the classrooms. Amid the constant noise and smell, students struggle to study, shedding light on the indifferent approach of the authorities towards education in remote areas.

भरमौर। जिला चम्बा जनजातीय क्षेत्र भरमौर के सियुंर पंचायत के राजकीय उच्च पाठशाला के छात्रों को जल्द ही तबेले जैसे अस्थायी भवन से मुक्ति मिलने की उम्मीद है। भरमौर प्रशासन ने दावा किया है कि 15 दिन के भीतर इस स्कूल को नए भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद ग्रामीणों और अभिभावकों में एक उम्मीद जगी है कि अब उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा वातावरण मिल सकेगा।

पिछले दिनों मीडिया में इस स्कूल की दुर्दशा और बच्चों की शिक्षा पर इसके प्रभाव की खबरें प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं कि निर्माणाधीन चार कमरों के नए स्कूल भवन का काम तेजी से पूरा कर जल्द से जल्द शिक्षा विभाग को सौंपा जाए, ताकि कक्षाओं को सुचारू रूप से नए भवन में संचालित किया जा सके।  पूरी खबर यहां पढ़ें..

35 साल से असुविधाओं में पढ़ाई कर रहे हैं बच्चे

राजकीय उच्च पाठशाला सियुंर वर्ष 1993 से किराये के भवन में संचालित हो रही है, जहां छात्रों को असुविधाजनक वातावरण में पढ़ाई करनी पड़ रही है। विशेष रूप से, मवेशियों के तबेले के रूप में प्रयोग किए जा रहे भवन में बच्चों को शिक्षण कार्य में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। 35 वर्षों में विद्यालय की स्थितियां नहीं बदली, और 2013 में नए भवन के लिए बजट आवंटित होने के बावजूद काम में देरी होती रही।

95% कार्य हुआ पूर्ण, जल्द शिफ्टिंग का दावा

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सियुंर विद्यालय के नए भवन का 95 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और शेष कार्य जल्द ही समाप्त किया जाएगा। इसके बाद भवन को शिक्षा विभाग को सौंप दिया जाएगा, जिससे बच्चों को एक स्वच्छ और उचित शिक्षण वातावरण में पढ़ने का मौका मिलेगा।

विधायक और एडीएम की पहल, 15 दिन में बदलाव का आश्वासन

पिछले सप्ताह क्षेत्रीय विधायक डॉ. जनकराज ने इस विद्यालय का दौरा किया था और स्कूल भवन की स्थिति पर गंभीरता दिखाई। उनके दौरे के बाद कार्यवाहक एडीएम चंबा कुलवीर सिंह राणा ने भी सक्रियता दिखाई और निर्देश दिए कि आगामी 15 दिनों के भीतर नए भवन में कक्षाएं शुरू करवाई जाएं।

उधर, शिक्षा मंत्री ने कहा कि मीडिया में प्रकाशित खबर से यह मामला उनके ध्यान में आया है। इस प्रकार के मामलों से पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठता है। ऐसे मामलों को हल्के में नहीं लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से इस प्रकार के मामलों में लापरवाही नहीं बरतने का आह्वान भी किया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि स्कूल में हरसंभव सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। निदेशक की रिपोर्ट के आधार पर स्कूल की सूरत में बदलाव लाया जाएगा।

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