चम्बा वासियों का कौन समझेगा मर्ज, जब अपने 'नेता' ही नहीं समझते दर्द

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से चम्बा के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र के लिए केंद्रीय मंत्री से कुछ न कुछ मांगा, लेकिन किसी ने मेडिकल कॉलेज में चल रही डॉक्टरों की कमी की आवाज नहीं उठाई।
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हैरानी की बात तो यह है कि चम्बा चौगान में आयोजित जनसभा में हिमाचल के किसी मंत्री, सांसद और विधायक ने अपने-अपने क्षेत्र के लिए केंद्रीय मंत्री से कुछ न कुछ मांगा, लेकिन किसी ने भी मेडिकल कॉलेज में चल रही डॉक्टरों की कमी की आवाज नहीं उठाई। साफ है कि जिला के विधायक, सांसद और प्रदेश के मंत्री, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गंभीर नहीं हैं। मेडिकल कॉलेज चम्बा पिछले चार सालों से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है और उपचार के लिए लोग दरबदर भटक रहे हैं।  GMC CHAMBA

चम्बा। हिमाचल प्रदेश का चम्बा जिला आज देश के पिछड़े जिलों में शुमार है तो इसका प्रमुख कारण यहां के राजनेता और जनता ही है। नहीं तो आज से 1000 हजार साल पहले बसे चम्बा शहर में किसी चीज की कमी नहीं होती। स्थानीय नेताओं के नाकामियों के कारण ही जिला चम्बा पिछड़ा हुआ है और लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हैं। चम्बा के नेता जिला वासियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा शुक्रवार को पूरे जिला वासियों को लग गया।

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दरअसल, चम्बा के ऐतिहासिक चौगान में केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर पहुंचे हुए थे। उन्होंने केंद्र सहित हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रसंशा के खूब कसीदे पढ़े। केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि आकांक्षी जिला चम्बा (आकांक्षी जिला= नीति आयोग की पहल है) में आज विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। चम्बा में चिकित्सा महाविद्यालय (Chamba Medical College) खोलने और 507 करोड रुपये की लागत से निर्माणाधीन भवन का श्रेय केंद्र और राज्य सरकार को जाता है ।


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अच्छी बात है कि उन्होंने चम्बा में मेडिकल कॉलेज खोलने का श्रेय लिया। लेकिन यह नहीं कहा कि कॉलेज में पढ़ाने वालों की स्थिति क्या है और उपचार के लिए आने वाले मरीजों के लिए क्या व्यवस्था है। हालात यह हैं कि मेडिकल कॉलेज में 100 से ज्यादा चिकित्सकों के पद रिक्त चल रहे हैं। केंद्रीय जांच टीम के दौरों के दौरान दूसरे मेडिकल कॉलेजों से स्टाफ भेजा जा रहा है और जांच प्रक्रिया पूरी हुई तो उसके बाद फिर से चम्बा मेडिकल कॉलेज में कोई चिकित्सक नहीं मिल रहा है।

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मगर हैरानी की बात तो यह है कि चम्बा चौगान में आयोजित जनसभा में हिमाचल के किसी मंत्री, सांसद और विधायक ने अपने-अपने क्षेत्र के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से कुछ न कुछ मांगा, लेकिन किसी ने भी मेडिकल कॉलेज में चल रही डॉक्टरों की कमी की आवाज नहीं उठाई। साफ है कि जिला के विधायक, सांसद और प्रदेश के मंत्री, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कितने गंभीर हैं। मेडिकल कॉलेज चम्बा पिछले चार सालों से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है और उपचार के लिए लोग दरबदर भटक रहे हैं।


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कुछ दिन पहले सरकार ने यहां प्रतिनियुक्ति पर 35 डॉक्टरों के आदेश किए थे लेकिन उन डॉक्टरों ने यहां सेवाएं देने से ही इनकार कर दिया। सरकार ने उन सभी डॉक्टरों को वापस बुला लिया। इसकी वजह से मेडिकल कॉलेज में चल रही 100 चिकित्सकों की कमी आज भी पूरी नहीं हुई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के चम्बा दौरे से लोगों को उम्मीद जगी थी कि जिले के विधायक डॉक्टरों की मांग को उठाएंगे लेकिन मंच पर दिए अपने भाषण में किसी ने इसका जिक्र ही नहीं किया।

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