घटिया मानसिकताः HRTC बस में आए पीरियड, ड्राइवर-कंडक्टर युवती को नादौन में छोड़ चले गए
हमीरपुर। महिलाओं के मासिक धर्म (पीरियड) को लेकर कितने जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है। मासिक धर्म के चक्र और उससे जुड़ी सोच को बदलने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन अभी भी लोग इसे सहजता से नहीं ले पा रहे हैं। इसी का एक उदाहरण रविवार को देखने को मिला। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर की घटना है। बस में बैठी एक युवती को मासिक धर्म आ गए तो हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस के चालक-परिचालक उसे नादौन बस अड्डे पर ही छोड़ गए।
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जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के नगरोटा सूरियां की युवती ने चंडीगढ़ से कांगड़ा के लिए बस ली थी। इस दौरान उसे ऊना जिला के कलोह में अचानक मासिक धर्म आ गए। युवती ने बस के परिचालक से गुहार लगाई कि मेरी तबीयत खराब हो रही है, दो मिनट के लिए बस रोक दो। मगर चालक-परिचालक ने एक नहीं सुनी और कहा कि बस लंबी दूरी की है, रूकेगी तो अपने स्टॉप पर ही। युवती की गुहार का चालक-परिचालक पर कोई असर नहीं पड़ा।
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इसके बाद युवती ने अपने परिजनों को फोन कर घटना की जानकारी दी तो परिजन भी परिचालक को कहते रहे कि उनकी बेटी को बस से उतार दे, लेकिन परिजनों के आग्रह को भी अनसुना कर दिया। दोपहर करीब चार बजे बस (HP53A 2183) नादौन पहुंची तो युवती शौचालय चली गई। जबतक युवती शौचालय से बाहर आती, तब तक बस वहां से रवाना हो चुकी थी। बस के चालक-परिचालक के युवती को नादौन में ही छोड़ दिया। यह बस देहरादून-चंडीगढ़-बैजनाथ रूट पर थी।
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बस छूट जाने के बाद युवती ने नादौन बस अड्डे पर टिकट बुकिंग काउंटर पर तैनात एचआरटीसी के कर्मी विपिन शर्मा को जानकारी दी और उसे घटना से अवगत करवाया। इसके बाद विपिन शर्मा ने स्थानीय महिलाओं को बुलाकर युवती की मदद करवाई। वहीं विपिन ने मीडिया को बताया कि युवती को दूसरी बस के माध्यम से कांगड़ा रवाना किया गया था। हालांकि युवती के परिजन भी रास्ते में पहुंच गए थे और युवती सुरक्षित घर पहुंच गई है।
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उधर, हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय प्रबंधक बैजनाथ की मामले की जानकारी दी गई है। साथ ही उन्हें जांच के लिए भी कहा गया है। अगर चालक-परिचालक दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। आज के दौर में इसी तरह की घटनाएं अच्छी नहीं हैं। चालक-परिचालकों को युवती का हर प्रकार से सहयोग करना चाहिए।
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