अनुबंध टीजीटी नियमितीकरण प्रक्रिया करें तेज़ : टीजीटीसंघ

जिलों में अनुबंध पर 2 साल पूर्ण कर चुके अनुबंध शिक्षकों का डाटा दस्तावेज़ों सहित लाँग लिया गया है, मगर कुछ जिलों में यह कार्य अब तक शुरू नहीं किया गया है।
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शिक्षा विभाग अनुबंध टीजीटी

हमीरपुर ।  प्रदेश शिक्षा विभाग अनुबंध टीजीटी शिक्षकों के नियमितीकरण हेतु दस्तावेज़ मँगवाने की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करवाए । कुछ जिलों में अनुबंध पर 2 साल पूर्ण कर चुके अनुबंध शिक्षकों का डाटा दस्तावेज़ों सहित लाँग लिया गया है , मगर कुछ जिलों में यह कार्य अब तक शुरू नहीं किया गया है।  जबकि 31 मार्च की तिथि तक ये डाटा शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध होना चाहिए । पहले भी शिक्षकों के दस्तावेज़ समय पर न आने से काफी नुकसान अनुबंध शिक्षकों को हुआ था और अब अगर ये प्रक्रिया निदेशालय द्वारा अपने स्तर पर अधिसूचना करते हुए शुरू न की गई तो अप्रैल माह में भी नियमितीकरण आदेश मिलना जटिल हो जाएगा ।

क्योंकि स्कूलों से दस्तावेज़ जिला मुख्यालय व जिला मुख्यालय से एकत्रित करके निदेशालय भेजने में और फिर हजारों शिक्षकों के दस्तावेज़ों की जांच में समय लग जाता है । ऐसे में अन्य विभागों के अनुबंध कर्मचारियों के आदेश समय पर बन जाते हैं मगर शिक्षा विभाग में यह प्रक्रिया ही देरी से शुरू करने के कारण बहुत बड़ा नुकसान शिक्षक वर्ग को उठाना पड़ता है । ऐसे में इस प्रक्रिया को तेज़ करवाने हेतु राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने शिक्षा निदेशक व शिक्षा सचिव को ज्ञापन भेजा है ।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल , वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरभद्र नेगी, महासचिव विजय हीर , कोषाध्यक्ष मुकेश शर्मा ,डेलीगेट्स अम्बर चंद , मोहन ठाकुर ,संजय ठाकुर , देश राज , दुनी चंद , डॉ0 मनोहर अनमोल, अभिनंदन चंदेल, संगीता शर्मा , रीता बल्याणी , रीता भारद्वाज , अंजु बाला , कमला चौधरी संजीव ठाकुर , कुलदीप ठाकुर, डॉ0 कामेश्वर गुप्ता , संजय शर्मा ,सोहन सिंगटा,रणवीर तोमर, देश राज शर्मा, जिलाध्यक्ष संजय वर्मा, सीताराम पोजटा, राजेन्द्र ठाकुर, विजय बरवाल, सुभाष भारती,राकेश चौधरी, रिग्ज़िन संदप, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया,रामकृष्ण, रमेश अत्री , अमित छाबड़ा ने कहा कि अनुबंध शिक्षकों का नियमितीकरण करने में और देरी न की जाए। 

जबकि प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड टर्म 1 पेपर्स मूल्यांकन का मानदेय और शेष अन्य शिक्षकों के मूल्यांकन से जुड़े बिलों का भुगतान भी अविलंब करे क्योंकि टर्म-1 का परिणाम आ चुका है और कोविड के दौरान भी परिणाम बनाने का मानदेय उनको दिया जाना था । वित्तीय सत्र अब समाप्त हो रहा है । ऐसे में इस भुगतान में शिक्षा बोर्ड तेज़ी लाए ।

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