46 वर्षों के बाद राजकीय बहुतकनीकी संस्थान हमीरपुर के छात्र और शिक्षक समारोह में हुए इकट्ठे

परिजनों ने कीर्ति चक्कर विजेता का चित्र प्रिंसिपल को भेंट किया
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हमीरपुर ।  राजकीय बहुतकनीकी हमीरपुर की स्थापना वर्ष 1963 में हुई थी और यह हिमाचल प्रदेश का दूसरा सबसे पुराना बहुतकनीकी संस्थान है। इस संस्थान के अधिकांश छात्र देश और विदेश में बहुत उच्च प्रतिष्ठित पदों पर कार्य कर रहे हैं। 46 वर्षों के बाद राजकीय बहुतकनीकी हमीरपुर के 1973-76 बैच के  छात्रों ने संस्थान के परिसर में एकत्रित होकर अपने शिक्षकों से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया । यह छात्र देश विदेश की कई सरकारी एवं प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अपनी सेवा दे चुके हैं । 

 इन पूर्व छात्रों में 3 सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, 5 सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता और कई अधिशासी अभियंता शामिल थे जिन्होंने लोक निर्माण विभाग ,जलशक्ति विभाग, बिजली विभाग ,सीमा सड़क संगठन जैसे कई प्रतिष्ठित विभागों में अपनी सेवाएं दी हैं l  संस्थान में बिताए अपने सुनहरे दिनों को याद करते हुए सभी पूर्व छात्र भावुक हो गए। उन्होंने एक-दूसरे को गले लगाया और अपने अनुभव और विचार साझा किए। ये भावनात्मक होने के साथ-साथ खुशी के पल भी थे।
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इस अवसर पर जिन सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया उनमें ई. एमएल शर्मा ( निदेशक, तकनीकी शिक्षा), ई. डी.एन.लखनपाल ( संयुक्त निदेशक, तकनीकी शिक्षा), ई. डी के गौतम (प्रिंसिपल) आर. राकेश कपूर (प्रिंसिपल) तथा विभिन्न सेवानिवृत विभागध्यक्ष ई. टीएन महाजन,ई. वाई डी शर्मा, ई. एमके शर्मा, ई.  टी.आर. शर्मा और ई. बी.के.शर्मा शामिल थे | इस अवसर पर सतीश ढींगरा (वर्तमान प्राचार्य, राजकीय बहुतकनीकी हमीरपुर) को भी सम्मानित किया गया।
परिजनों ने कीर्ति चक्कर विजेता का चित्र प्रिंसिपल को भेंट किया
इस समारोह का मुख्य क्षण तब आया जब पूर्व छात्रों ने मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित  रविंदर नाथ गुलेरिया (पूर्व छात्र) का चित्र प्रधानाचार्य को भेंट किया । जिन्होंने देश सेवा में सीमा सड़क संगठन में कार्य करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने अनुरोध किया कि वह इसे संस्थान के परिसर में प्रदर्शित करें ताकि आने वाली पीढ़ियां इस वीर योद्धा के गौरवमय इतिहास को जानकर प्रेरणा ले सकें।

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