हिमाचल में AAP की दस्तक से सियासी हलचल: कांग्रेस-भाजपा के कई नेता थाम सकते हैं 'झाड़ू'

अब तक हिमाचल प्रदेश में कोई बड़ा चेहरा 'आप' से नहीं जुड़ा है, लेकिन 6 अप्रैल को मंडी में होने वाले रोड शो में कई बड़े नेताओं के 'आप' में शामिल होने के दावे किए जा रहे हैं।
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हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने तय हैं। ऐसे में ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हिमाचल के पारंपरिक राजनीतिक दलों में टिकट के चाहवानों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है। वहीं आम आदमी पार्टी की बढ़ती सक्रियता ने हिमाचल में कांग्रेस और भाजपा की चिंताएं बढ़ा दी है। जैसे ही हिमाचल में चुनाव की घोषणा होगी, टिकट के कई तलबगारों को निराशा का सामना भी करना पड़ेगा। ऐसे में वह नाराज होकर हिमाचल में दस्तक दे चुकी 'आप' का दामन थामने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इससे हिमाचल में भाजपा-कांग्रेस दोनों को ही नुकसान होना तय है।

धर्मशाला। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की धमाकेदार जीत ने हिमाचल प्रदेश में भी सियासी हलचल पैदा कर दी है। हालांकि अब तक हिमाचल प्रदेश में कोई बड़ा चेहरा 'आप' से नहीं जुड़ा है, लेकिन 6 अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान की मौजूदगी में मंडी में होने वाले रोड शो में कई बड़े नेताओं के 'आप' में शामिल होने के दावे किए जा रहे हैं। इससे हिमाचल प्रदेश में सियासी चर्चाओं का बाजार खूब गरमा गया है। मगर कौन-सी चर्चा सही और कौन-सी झूठी निकलती है, इसके लिए वक्त का इंतजार करना बेहतर होगा।

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आम आदमी पार्टी (आप) सूत्रों की मानें तो जयराम सरकार के एक कैबिनेट मंत्री अरविंद केजरीवाल से निरंतर संपर्क में हैं। यह मंत्री अपने को 'आप' से CM का चेहरा बनाने पर अड़े हुए हैं, लेकिन केजरीवाल उन्हें इस शर्त के साथ पार्टी में शामिल नहीं करना चाहते हैं। अब मंत्री और केजरीवाल किस तरह का समझौता करते हैं, यह चर्चा का विषय है। उधर, मंडी सदर से भाजपा विधायक एवं जयराम सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे अनिल शर्मा भी 'आप' से जुड़ सकते हैं। 'आप' नेता भी निरंतर अनिल से संपर्क में हैं, लेकिन अनिल शर्मा ने 'आप' से जुड़ने की चर्चाओं को अफवाह बताया है।

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इसलिए अनिल को लेकर चर्चा

बेशक अनिल शर्मा ने कहा कि उनका 'आप' में जाने को लेकर कोई प्लान नहीं है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि अनिल शर्मा भाजपा में 2019 से ही हाशिए पर चल रहे हैं। वह खुद कई बार मुख्यमंत्री और वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं। इसलिए पहले कयास लगाए जा रहे था कि अनिल शर्मा की कांग्रेस में वापसी हो सकती है, क्योंकि उनके बेटे आश्रय शर्मा को कांग्रेस ने टिकट देकर MP का चुनाव लड़ाया है। मगर अब हिमाचल में 'आप' की एंट्री के बाद अनिल शर्मा को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

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चेतन बरागटा की चर्चाओं को इससे मिला बल

जुब्बल-कोटखाई से पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन हैं। नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद हुए उपचुनाव में वह भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उन्हें निर्दलीय ही ताल ठोक दी थी और 25 हजार के करीब वोट हासिल किए थे। इसके बाद उन्हें भाजपा ने निष्कासित कर दिया था। अब उनके भी 'आप' में शामिल होने की चर्चा है। उनके समर्थक सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर कहने लगे हैं कि जल्द खेला होवे। वहीं, सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने यदि चेतन की वापसी में देरी की तो वह 'आप' का दामन थाम सकते हैं।

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महेश्वर-मनकोटिया और टिकट के चाहवान

भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक महेश्वर सिंह, कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता रहे मेजर विजय सिंह मनकोटिया, RSS के स्वयं सेवक बीआर कौंडल की भी 'आप' में जुड़ने की चर्चा है। 'आप' नेताओं का दावा है कि 6 अप्रैल को कांग्रेस-भाजपा के कई बड़े चेहरे पार्टी में शामिल हो रहे हैं। 'आप' के इन दावों ने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस-भाजपा की चिताएं बढ़ा दी हैं। उधर, 'आप' पार्टी का सियासी रूख देखते हुए 6 अप्रैल को कांग्रेस-भाजपा से टिकट के सेकेंड लाइन कई तलबगार भी जिन्हें लगता है कि टिकट नहीं मिलेगी, 'आप' का दामन थाम सकते हैं। सियासी माहिरों की मानें तो अब तक ज्यादातर टिकट के तलबगार ही 'आप' से जुड़े हैं।

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