HP Assembly Session : सीएम सुक्खू बोले, विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। कहा कि विपक्ष सार्थक चर्चा में भाग लें, वाकआउट करके अखबारों की सुर्खियां बटोरने का काम न करें।
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शिमला ।   हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। कहा कि विपक्ष सार्थक चर्चा में भाग लें, वाकआउट करके अखबारों की सुर्खियां बटोरने का काम न करें। विधायक दल की बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर रणनीति तय की गई है। विधायकों की कुछ मांगें थीं, उन पर भी चर्चा हुई है।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 10 दिन तक चलेगा। सदन में सड़क-पुलों, आपदा, अपराध, नशा, स्कूलों के विलय जैसे कई विषयों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान होगा।  मानसून सत्र में 936 प्रश्न उठेंगे। इनमें से 640 तारांकित होंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री और मंत्रियों के मौखिक जवाब के लिए भेजा गया है। 296 प्रश्न अतारांकित होंगे, जिनके उत्तर लिखित में दिए जाएंगे। पहले दिन की बैठक शुरू होने से पहले सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से हाथ मिलाकर उनका अभिवादन किया। वह विपक्ष के अन्य सदस्यों से भी उनके पास जाकर मिले।

 

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी सीएम सूक्खू के साथ विपक्ष के सदस्यों का अभिवादन करने गए। राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों से सदन की कार्यवाही के संचालन में सहयोग की अपील की। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पहले दिन की बैठक की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई।  इसके बाद पूर्व विधायकों टेक चंद, नारायण सिंह स्वामी और दौलतराम चौधरी के निधन पर शोकोद्गार हुआ। मुख्यमंत्री ने शोकोद्गार प्रस्ताव रखा। उन्होंने तीनों के योगदान को याद करते हुए वक्तव्य दिया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी शोकोद्गार वक्तव्य दिया। जयराम के बाद मंत्री राजेश धर्माणी ने शोकोद्गार वक्तव्य दिया।

 


वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार के समय कर्मचारियों ने जो मांगा, वो दिया। हर भत्ते व वित्तीय लाभ दिए गए। मुख्यमंत्री खुद को कर्मचारी हितैषी कहते थे लेकिन आज सचिवालय के बाहर नारे लग रहे है। पहले वायदे किए और बाद में आर्थिक स्थिति का हवाला देकर मुकर जाना सही नहीं। सत्र में इन सब बातों पर सत्तापक्ष से जवाब मांगेंगे। 

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