शिमला । राजधानी शिमला के प्रसिद्ध जाखू मंदिर को जोड़ने वाले रोपवे पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसकी अगुवाई अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा ने की। मॉक ड्रिल में जमीन से 100 मीटर की ऊंचाई पर फंसे लोगों को कुर्सी एवं रस्सी के माध्यम से उतारा गया। लगभग डेढ़ घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद इन लोगों को नीचे उतारा गया। मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और होमगार्ड के जवानों के साथ अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
जाखू रोपवे में रोचक मॉक ड्रिल सुबह 11 बजे शुरू हुई। सबसे पहले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ टेबल टॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और होमगार्ड के इंचार्ज द्वारा आपदा के दौरान किए जाने वाले रेस्क्यू कार्यों से अवगत करवाया गया। इसके बाद संबंधित विभागों की तैयारी, तत्परता और आपदा की सूचना पर रिस्पांस को परखा गया। सर्वप्रथम जमीन से करीब 100 मीटर की ऊंचाई रोपवे ट्राली में फसे व्यक्ति को कुर्सी के माध्यम से सुरक्षित जमीन पर उतारा गया।
इसके पश्चात, एनडीआरएफ के दाल ने अपने एक सदस्य को रस्सी के माध्यम से सुरक्षित जमीन पर उतारा। रोपवे में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल तक पहुंचाते हुए भी दिखाया दिखाया है। मॉकड्रिल दोपहर करीब 1:30 बजे पूरी हुई। इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा हर वर्ष रोपवे में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है और इस वर्ष भी इसी के अनुरूप मॉक ड्रिल का आयोजन आज यहाँ किया गया है जिसमे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और होमगार्ड के जवान हिस्सा ले रहे है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कारगर साबित होते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि रोपवे में कोई भी पर्यटक फंस जाते हैं तो उस स्थिति में किस तरह से उनका रेस्क्यू किया जाना है, इसी संदर्भ में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। रोपवे कंपनी के प्रबंधक मदन शर्मा ने बताया कि लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत जाखू में हर माह मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है ताकि आपदा के समय पर्यटकों को सुरक्षित नीचे उतारा जा सके। इस अवसर पर एनडीआरएफ से इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार, एसडीआरएफ से इंस्पेक्टर नसीम, होमगार्ड के कंपनी कमांडर दिनेश ठाकुर सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।