राज्य मेरिट और 95 फीसदी अंक हासिल करने वालों को मिलेगा पुरस्कार : अनुपम कश्यप

प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों और समाज के बीच बेहतर समन्वय सहित सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में अपना विद्यालय - द हिमाचल स्कूल एडाॅप्शन प्रोग्राम के तहत उपायुक्त अनुपम कश्यप ने गोद लिए हुए राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मशोबरा का निरीक्षण किया।
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Photo : गोद लिए मशोबरा स्कूल में पहुंचे उपायुक्त अनुपम कश्यप

शिमला ।  प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों और समाज के बीच बेहतर समन्वय सहित सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में अपना विद्यालय - द हिमाचल स्कूल एडाॅप्शन प्रोग्राम के तहत उपायुक्त अनुपम कश्यप ने गोद लिए हुए राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मशोबरा का निरीक्षण किया। इस दौरान वह बच्चों से रूबरू भी हुए। उन्होंनें कक्षाओं, लैब, स्टाफ रूम, शौचालय आदि का निरीक्षण भी किया।  उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खु ने बेहसहारा बच्चों को चिल्ड्रन आफ द स्टेट का दर्जा देकर उनके विकास में अहम भूमिका निभाई है।

इसी तरह मुख्यमंत्री ने स्कूलों में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए “अपना विद्यालय - द हिमाचल स्कूल एडाॅप्शन प्रोग्रोम“ आरंभ किया हुआ है। जिसके तहत उन्होंने राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मशोबरा को गोद लिया है। उन्होंने कहा कि यह अब उनका स्कूल है। इसके बारे में जिला के अन्य स्कूलों के साथ विशेष तौर पर निगरानी करने का जिम्मा उन्हें मिला है। स्कूल के सर्वांगीण विकास के लिए हम सभी मिल कर अपनी-अपनी भूमिका निभाएंगे। 
उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा का आधार अगर मजबूत होगा तो हर लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को कहा कि अपने जीवन का लक्ष्य बड़ा निर्धारित करो और उसकी प्राप्ति के लिए अभी से जुट जाओ। उन्होंने कहा कि कोई भी नौकरी छोटी बड़ी नहीं होती है। नौकरी सरकारी, निजी या फिर अपना कारोबार हो। अगर आप सक्षम होंगे तो सफलता आपके कदमों में होगी। ऐसे में अपने आप को सक्षम बनाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि एक छात्र के लिए किताबें और स्कूली बैग प्रतिष्ठा का प्रतीक होते है। ऐसे में कक्षाओं में किताबें व बैग लेकर ही आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पढ़ाई के प्रति लगाव बढ़ाना चाहिए। नशे से स्वंय को दूर रखें और खेलों के माध्यम से अपने आप को स्वस्थ्य विकसित करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच समझकर करना सीखे। उन्होंने कहा कि अपने शिक्षकों और अभिभावकों को मार्गदर्शन लेने में जरा भी संकोच न करें।  उन्होंने कहा कि वह हर महीने इस स्कूल में निरंतर निरीक्षण करने के लिए आते रहेंगे। अगर किसी भी बच्चे को पढ़ाई को लेकर दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है, तो इस बारे में उन्हें बताएं। ऐसे बच्चों की पढ़ाई किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
उन्होंने कहा की बच्चों को स्वच्छता को लेकर सजग छात्र की भूमिका निभानी है। अपने घर व आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए अपना योगदान देना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला के अन्य अधिकारियों ने शिमला जिला के 100 के करीब सरकारी स्कूलों को गोद लिया है। अधिकारियों को इन स्कूलों में निरीक्षण करने और प्रगति रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।  उन्होंने कहा कि मशोबरा आश्रम की 71 के करीब छात्राएं इस स्कूल में पढ़ रही है। सरकार ने उनके लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना लागू की है। इस दौरान पूरा स्कूली स्टाफ भी मौजूद रहा। 
स्कूली बच्चों से हुए रूबरू
करीब पौने एक बजे के करीब उपायुक्त राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मशोबरा परिसर में पहुंचे। इसके बाद सीधे ही जमा दो संकाय की शारीरिक शिक्षा की कक्षा में पहुंचे। यहां पर बच्चों से रूबरू होते हुए उन्होंने कई सवाल बच्चों से पूछे।  उपायुक्त बच्चों के साथ डेस्क पर काफी देर तक बैठ कर ही बातचीत करते रहे। बच्चों ने अधिकांश सवालों के जवाब दिए।  शारीरिक सुयोग्यता एंव अरोग्यता पर पूछे गए सवाल का जमा दो कला संकाय में पढ़ने वाली भावना ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि हमें अपने आप को स्वस्थ रखना होता है। हमें अपने खाने पीने आराम आदि के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए ताकि हमारी शारीरिक क्षमताएं विकासित हो सके। हमें उन सभी जानकारियों से अवगत होना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और जो आवश्यक नहीं है। 
हर बच्चे को दी जाएगी डिक्शनरी
मशोबरा स्कूल पहुंचने पर उपायुक्त ने फैसला लिया कि इस स्कूल में पढ़ने वाले हर बच्चे को इंग्लिश टू हिंदी डिक्शनरी दी जाएगी। इस स्कूल में 273 बच्चें पढ़ते है। ऐसे में हर बच्चे को आगामी दो सप्ताह के भीतर डिक्शनरी मुहैया करवाई जाएगी। इस पर आने वाला सारा खर्च उपायुक्त अपने वेतन से करेंगे। इसके अलावा, 10 डिक्शनरी पुस्तकालय में रखी जाएगी। हर दिन नए शब्द बच्चों को सीखने चाहिए, तभी भाषा पर पकड़ मजबूत होगी। 
मेरिट में आए तो मिलेगा पुरस्कार
राज्य की मेरिट में अगर स्कूल से कोई बच्चा स्थान हासिल करता है। तो ऐसे बच्चों को विशेष पुरस्कार देकर सम्मानित करेंगे। उपायुक्त ने बताया कि बच्चे की रुचि के हिसाब से पुरस्कार मुहैया करवाने की प्राथमिकता रहेगी ताकि भविष्य में अपने लक्ष्य को हासिल करने में प्राप्त पुरस्कार एक मील का पत्थर साबित हो सके। 
95 प्रतिशत मार्क्स लाए तो भी मिलेगा पुरस्कार
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि स्कूल में 95 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने वाले हर छात्र को अलग से पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। इस स्कूल में अभी तक अधिकतम 87 प्रतिशत अंक ही छात्र प्राप्त कर सके हैं। ऐसे में बच्चों के बीच प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए 95 फीसदी से अधिक अंक लाने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया गया। 
शीघ्र डंगा लगाने के निर्देश
उपायुक्त ने स्कूल परिसर के साथ भूस्खलन के कारण बाधित हुए मार्ग और भवन के लिए खतरा बने क्षेत्र में शीघ्र डंगा लगाने के निर्देश दिए। खंड विकास अधिकारी अंकित कोटिया को तुरंत डंगे का एस्टीमेट बनाने को आदेश दिए ताकि स्कूल का भवन भी सुरक्षित रह सके और आम रास्ता भी बहाल हो।
स्कूल में तीन और अखबारे लगाने के निर्देश 
उपायुक्त अनपुम कश्यप ने स्कूल में तीन और अखबार लगाने के निर्देश दिए है। स्कूल में पहले से दो अखबार हिंदी और अंग्रेजी भाषा में आते है। उन्होंने स्कूली बच्चों को कहा कि अखबार पढ़ना अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि अपने आस पास देश दुनिया के बारे में अखबारों से ज्ञान अर्जित होता है, जोकि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मददगार साबित होता है।

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