मस्जिद अवैध पाई गई तो तो निश्चित तौर पर की जाएगी धवस्त : विक्रमादित्य
शिमला । संजौली इलाके में एक मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के मामले पर हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह मामला लंबे समय से लंबित है। जहां तक इसमें अवैध भवन के निर्माण की बात है, उस पर सरकार ने संज्ञान लिया है। मैंने विधानसभा में भी मजबूती से कहा है कि जैसे ही इसमें फैसला आता है और अगर ये अवैध पाया जाता है तो निश्चित तौर पर इसे ध्वस्त किया जाएगा। मगर हमें कानून की प्रक्रिया से आगे चलना है। हम चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में शांति का माहौल बना रहे।
मैं आंकड़ों के साथ विद फैक्ट्स इस चीज को फिर से दोहरा रहा हूं और इतिहास के पन्नों में यह चीज बिल्कुल साफ दर्ज है कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य था जहां पर धर्मांतरण का कानून कांग्रेस पार्टी की सरकार ने जब वीरभद्र सिंह जी प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, 2006 में इसको लागू किया गया था। दिस इज द मैटर फैक्ट दिस इज द मैटर ऑफ हिस्ट्री और यह हिमाचल के इतिहास में दर्ज है। इसको कोई नहीं बदल सकता और दूसरा हिमाचल में सैकड़ों मंदिरों के निर्माण के लिए पुनर्निर्माण के लिए करोड़ों रुपए कांग्रेस की सरकार ने समय-समय पर सरकारों जो है, मंदिरों के निर्माण के लिए दिए हैं।
हमारे सेंटिमेंट्स कुछ भी हो सकते हैं हम। आई एम प्राउड टू बी सनातनी। आई एम प्राउड टू बी हिंदू और मैं तो खुद जो है, वह प्रभु श्री राम का आशीर्वाद लेने के लिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैं गया था। मगर जहां तक सरकार की कार्रवाई की बात होती है, दैट इज आई हैव टू बी विदिन ऑफ लॉ। कानून की अपनी एक प्रक्रिया है और मुझे मैंने पहले भी इस बात को कहा कि हिमाचल प्रदेश इज नॉट बनाना रिपब्लिक। जहां पर सेंटीमेंट पर ही कार्य सरकार कार्य कर ले, ऐसा नहीं हो सकता है।
वी हैव टू फॉलो सर्टेन प्रोसीजर्स, वी हैव टू फॉलो द कॉन्स्टिट्यूशन और जैसा मैंने विधानसभा में भी कहा इन दिस प्रेसिडेंट केस वी हैव टू फॉलो द एंड ऑफ द म्यूनिसिपल एक्ट। जो इस पर्टिकुलर केस में लागू है, जो उसका दूसरा पहलू है, वह भी बहुत महत्वपूर्ण है। जो अवैध लोग हिमाचल के अंदर आ रहे हैं। इस विषय पर पिछले कल मुख्यमंत्री ने विधानसभा के अंदर स्थिति को बिल्कुल स्पष्ट किया है और उन्होंने विपक्ष को भी यह खुला न्योता दिया है और माननीय जो हमारे अध्यक्ष हैं। विधानसभा के उनको ऑथराइज किया है कि आप एक कमेटी कॉन्स्टिट्यूशन कर सकते हैं।
अभी वह डिसीजन लेना है कि वह विधानसभा के स्तर पर कॉन्स्टिट्यूशन होनी है या सरकार के स्तर पर कॉन्स्टिट्यूशन होनी है। दैट कॉल विल बी टेकन बाय द ऑनरेबल चीफ मिनिस्टर एंड द ऑनरेबल स्पीकर ऑफ द लेजिस्लेटिव असेंबली दैट वेदर दिस हाउस टू बी लेजिसलेटिव बॉडी और दिस हैव टू बी गवर्नमेंट बॉडी।
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