Himachal News : मातृभूमि की रक्षा करते हिमाचल का जवान अरविंद सिंह शहीद, पीछे छूटा डेढ़ साल का मासूम

बलिदानी अरविंद सिंह (27) हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के लहद गांव के निवासी थे। अरविंद के बलिदान होने की सूचना मिलते ही पैतृक गांव में मातम छा गया है। बेटे की शहादत की सूचना पाकर माता बेसुध हैं। पत्नी पर दूखों का पहाड़ टूट गया है। 15 महीने का बेटा है, जिसने अभी तक अपने  पिता का मुंह तक ढंग से नहीं देखा था।
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Photo : बलिदानी अरविंद सिंह

हमीरपुर ।  किश्तवाड़ से 45 किमी दूर छात्रू इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए। दो अन्य गंभीर घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर उधमपुर के कमान अस्पताल पहुंचाया गया है। बलिदानी जवानों की पहचान व्हाइट नाइट कोर के नायब सूबेदार विपिन कुमार व सिपाही अरविंद सिंह के रूप में हुई है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान हिमाचल के जवान अरविंद सिंह शहीद हो गए हैं। जवान की शहादत का समाचार मिलते ही पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है।

बलिदानी अरविंद सिंह (27) हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के उपमंडल नादौन की पंचायत हथोल के गांव लाहड़ के निवासी थे।  अरविंद के बलिदान होने की सूचना मिलते ही पैतृक गांव में मातम छा गया है। बेटे की शहादत की सूचना पाकर माता बेसुध हैं। पत्नी पर दूखों का पहाड़ टूट गया है। 15 महीने का बेटा है, जिसने अभी तक अपने  पिता का मुंह तक ढंग से नहीं देखा था। अब उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। शहादत की खबर मिलने के बाद घर में चूल्हा तक नहीं जला है। आसपास के लोग भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए इकट्ठा हो गए हैं। परिजन नम आंखों से बलिदानी जवान की पार्थिक देह का इंतजार कर रहे हैं।

उपमंडल नादौन की पंचायत हथोल के गांव लाहड़ निवासी अरविंद सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह ने वर्ष 2017 में भर्ती होकर 20 डोगरा बटालियन में अपनी सेवाएं शुरू की थीं। वर्तमान में वह राष्ट्रीय राइफल्स में डोडा किश्तवाड़ क्षेत्र में तैनात थे। जानकारी के अनुसार के डोडा किश्तवाड़ में सर्च ऑप्रेशन के दौरान सेना के जवानों की आतंकियों से मुठभेड़ हो गई। इस दौरान जवान अरविंद सिंह गोली लगने से घायल हो गए, जिसके चलते उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। सेना की ओर से जैसे ही अरविंद के शहीद होने की खबर परिजनों को मिली तो घर पर चीखोपुकार मच गई, वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

एक माह की छुट्टी काटकर लौटे थे ड्यूटी पर
शहीद के पिता राजेंद्र सिंह ने बताया कि अरविंद सिंह एक माह की छुट्टी काटकर 15 दिन पहले ही ड्यूटी पर वापस लौटे थे। शुक्रवार सुबह ही बेटे ने 10 बजे वीडियो कॉल के माध्यम से पूरे परिवार से बातचीत कर हालचाल पूछा था। शुक्रवार शाम 3:45 बजे बटालियन से फोन पर सूचना मिली कि किश्तवाड़ में चल रहे एक ऑप्रेशन के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में अरविंद सिंह शहीद हो गए। शहीद अरविंद सिंह अपने पीछे पिता राजेंद्र सिंह, माता सरोज कुमारी, पत्नी इक्षू देवी, डेढ़ साल का बेटा और छोटे भाई को छोड़ गए हैं। बता दें शहीद के छोटे भाई भी 8 डोगरा बटालियन में हैं और इस समय जम्मू में तैनात है। जैसे ही भाई के बलिदान होने की खबर मिली वह तुरंत घर आ गया।  वहीं शहीद के दादा देवी सिंह भी आर्मी से सेवानिवृत हुए हैं। वहीं पिता रजिंद्र सिंह ने कहा कि सैनिक अधिकारी से बात हुई है, उन्होंने शाम तक पार्थिव देह पहुंचने की संभावना बताई है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने जताया शोक
उधर, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सिपाही अरविंद सिंह की शहादत पर शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान मेरे विधानसभा क्षेत्र नादौन, कांगू के हथोल गांव निवासी वीर जवान अरविंद सिंह की शहादत का समाचार अत्यंत हृदयविदारक है। अरविंद सिंह की अमर शहादत को यह देश कभी नहीं भूल पाएगा। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति दें।

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