शांता कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम को लिखी चिट्ठी, कह दी ये बड़ी बात

शांता कुमार ने कहा कि जोगिंद्रनगर में बना बिजली घर और पानी भी हिमाचल का है। ऐसे में यह बिजली घर हिमाचल को मिले, इसे लेकर प्रदेश सरकार आवश्यक कार्यवाही करे।
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जोगिंद्रनगर स्थित बिजली घर हिमाचल को मिले, इस दिशा में प्रदेश शीघ्र कार्रवाई करे। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इसको लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है। बकौल शांता कुमार हिमाचल के जोगिंद्रनगर में यह बिजली घर बना है तथा पानी भी हिमाचल का है। ऐसे में यह बिजली घर हिमाचल को मिले, इसे लेकर प्रदेश सरकार आवश्यक कार्यवाही करे। ब्रिटिश सरकार ने यह भूमि तत्कालीन मंडी रियासत से वर्ष 1925 में 99 वर्ष की लीज पर ली थी, ऐसे में यह लीज डीड वर्ष 2024 में समाप्त होने जा रही है।

पालमपुर। जोगिंद्रनगर स्थित बिजली घर हिमाचल को मिले, इस दिशा में प्रदेश शीघ्र कार्रवाई करे। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इसको लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है। बकौल शांता कुमार हिमाचल के जोगिंद्रनगर में यह बिजली घर बना है तथा पानी भी हिमाचल का है। ऐसे में यह बिजली घर हिमाचल को मिले, इसे लेकर प्रदेश सरकार आवश्यक कार्यवाही करे। ब्रिटिश सरकार ने यह भूमि तत्कालीन मंडी रियासत से वर्ष 1925 में 99 वर्ष की लीज पर ली थी, ऐसे में यह लीज डीड वर्ष 2024 में समाप्त होने जा रही है।

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शांता कुमार ने प्रदेश सरकार से इस दिशा में कार्रवाई करने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। शांता कुमार के अनुसार पंजाब पुनर्गठन कानून 1966 में पारित हुआ था जिसके अनुसार पंजाब का बंटवारा हुआ था। उस कानून में यह स्पष्ट लिखा है कि संयुक्त पंजाब की संपत्तियां 1966 के बाद जिस प्रदेश में होंगी वे उसी प्रदेश को मिलेंगी। शेष सभी संपत्तियों का बंटवारा हो गया परंतु जोङ्क्षगद्रनगर बिजली घर हिमाचल को नहीं मिला। वहीं बिजली परियोजनाओं से भी हिमाचल को जो हिस्सा मिलना था वह भी नहीं मिला।

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वर्ष 1977 में शांता कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने के बाद इस मुद्दे को तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के समक्ष उठाया था। इस पर प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल के साथ तीनों प्रदेशों की बैठक आयोजित की थी। बैठक में शांता कुमार ने हिमाचल का हिस्सा देने के लिए अपना पक्ष रखा था। इसके पश्चात बैठक में हिमाचल को 15 प्रतिशत बिजली अस्थायी रूप से देने का निर्णय हुआ था, जो वर्तमान में भी हिमाचल को मिल रही है परंतु उस बैठक में जोगिंद्रनगर स्थित बिजली घर के बारे में कोई निर्णय नहीं हो सका था।

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जोगिंद्रनगर और पानी दोनों हिमाचल के

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि यह बिजली घर जोगिंद्रनगर में बना है जो हिमाचल का भाग है, पानी हिमाचल का है। लोकसभा ने वर्ष 1966 में कानून में स्पष्ट कहा था कि यह बिजली घर हिमाचल को मिलना चाहिए। हिमाचल प्रदेश के साथ आज तक यह अन्याय हो रहा है। इस बिजली घर की भूमि को लेकर लीज डीड भी वर्ष 2024 में समाप्त होने जा रही है, ऐसे में इससे पहले ही हिमाचल इस विषय को गंभीरता से केंद्र सरकार से उठाए, इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से आग्रह करने हेतु पत्र लिखा है।

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