हिमाचल में AAP की एंट्री से बिखरेंगी भाजपा-कांग्रेस, पढ़िए यह रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने तय हैं। ऐसे में ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हिमाचल के पारंपरिक राजनीतिक दलों में टिकट के चाहवानों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है।
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हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने तय हैं। ऐसे में ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हिमाचल के पारंपरिक राजनीतिक दलों में टिकट के चाहवानों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है। वहीं आम आदमी पार्टी की बढ़ती सक्रियता ने हिमाचल में कांग्रेस और भाजपा की चिंताएं बढ़ा दी है। जैसे ही हिमाचल में चुनाव की घोषणा होगी, टिकट के कई तलबगारों को निराशा का सामना भी करना पड़ेगा। ऐसे में वह नाराज होकर हिमाचल में दस्तक दे चुकी 'आप' का दामन थामने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इससे हिमाचल में भाजपा-कांग्रेस दोनों को ही नुकसान होना तय है।

हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने तय हैं। ऐसे में ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हिमाचल के पारंपरिक राजनीतिक दलों में टिकट के चाहवानों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है। वहीं आम आदमी पार्टी की बढ़ती सक्रियता ने हिमाचल में कांग्रेस और भाजपा की चिंताएं बढ़ा दी है। जैसे ही हिमाचल में चुनाव की घोषणा होगी, टिकट के कई तलबगारों को निराशा का सामना भी करना पड़ेगा। ऐसे में वह नाराज होकर हिमाचल में दस्तक दे चुकी 'आप' का दामन थामने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इससे हिमाचल में भाजपा-कांग्रेस दोनों को ही नुकसान होना तय है। 

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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सदर विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे-वैसे प्रदेश के दो प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा में टिकट के चाहवानों की लिस्ट लंबी होती रहेगी। ऐसे में दोनों पार्टियों में टिकट न मिलने से नाराज नेता अपना राजनीतिक भविष्य तलाशने के लिए आम आदमी पार्टी व अन्य राजनीतिक दलों का रुख करेंगे। मंडी में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश में आने के बाद कांग्रेस और भाजपा में बहुत बिखराव देखने को मिलेगा।

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अनिल शर्मा ने कहा कि 'आप' दिल्ली और पंजाब मॉडल की तर्ज पर हिमाचल में चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल अन्य राज्यों से बेहतर है। हालांकि 'आप' को जिस तरह से पंजाब में जनाधार मिला है, उससे साफ हो जाता है कि किसी भी पार्टी को कम नहीं आंका जा सकता है। 'आप' आगामी चुनावों में भले ही अपनी सरकार बनाने में कामयाब ना हो, लेकिन अन्य राजनीतिक दलों को सरकार बनाने से रोक सकती है। 

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उल्लेखनीय है कि पंजाब में बंपर जीत के बाद 'आप' ने हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में उतरने का ऐलान कर दिया है। 6 अप्रैल को 'आप' मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में रोड शो कर चुनावी अभियान का आगाज करने जा रही है। 'आप' के प्रदेश में पांव पसारते ही कई नेताओं में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने की होड़ लगी है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी हिमाचल के दो दौरे कर कांग्रेस और भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ संपर्क की बात कही थी। कयास हैं कि आने वाले समय में कांग्रेस और भाजपा के कई बड़े नेता 'आप' का रुख कर सकते हैं।

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