परिवार नियोजनः हिमाचल में नसबंदी करवाने के बाद भी गर्भवती हो गईं 15 महिलाएं

सिरमौर जिले में परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन कर नसबंदी करवाने के बाद 15 महिलाएं गर्भवती हो गईं हैं। नसबंदी करवाने के बाद भी महिलाओं के गर्भवती होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अभियान पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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 सिरमौर जिले में परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन कर नसबंदी करवाने के बाद 15 महिलाएं गर्भवती हो गईं हैं। इनमें एक महिला ने वर्ष 2006 में परिवार नियोजन के लिए नसबंदी करवाई थी। इसके अलावा 14 मामले वर्ष 2019 के आसपास के बताए जा रहे हैं। परिवार नियोजन के लिए नसबंदी करवाने के बाद भी महिलाओं के गर्भवती होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अभियान पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

नाहन। सिरमौर जिले में परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन कर नसबंदी करवाने के बाद 15 महिलाएं गर्भवती हो गईं हैं। इनमें एक महिला ने वर्ष 2006 में परिवार नियोजन के लिए नसबंदी करवाई थी। इसके अलावा 14 मामले वर्ष 2019 के आसपास के बताए जा रहे हैं। परिवार नियोजन के लिए नसबंदी करवाने के बाद भी महिलाओं के गर्भवती होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अभियान पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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सिरमौर जिले के डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में 10, राजगढ़ अस्पताल में तीन और पांवटा और सराहां अस्पताल में 1-1 नसबंदी के ऑपरेशन किेए गए हैं। ऑपरेशन के असफल होने के फिलहाल कारण स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो कई कई बाद नसबंदी के ऑपरेशन के दौरान रिंग सही तरीके से फिट न होने, संक्रमण या फिर ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरते जाने से ऐसा हो सकता है।

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ऑपरेशन फेल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग महिलाओं को सहायता राशि देने की तैयारी में है। जांच कमेटी की ओर से इन सभी मामलों का परीक्षण कर निदेशालय को भेजा जाएगा। इसके बाद इन महिलाओं को विभाग की ओर से सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

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अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक सीएमओ सिरमौर डॉ. अजय पाठक ने कहा कि परिवार नियोजन के ऑपरेशन के बाद यदि कोई महिला गर्भवती होती है कि उसे गर्भधारण करने के तीन महिने के भीतर संबंधित स्वास्थ्य संस्थान को इसकी सूचना देनी पड़ती है। विभागीय परीक्षण के बाद महिला को 60 हजार रुपये की सहायता राशि का प्रावधान है।

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