HPU Shimla: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायतता बहाल करने के लिए सौंपा ज्ञापन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) इकाई ने वीरवार दोपहर को ऐतिहासिक पिंक पैटल पर धरना प्रदर्शन किया।
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) इकाई ने वीरवार दोपहर को ऐतिहासिक पिंक पैटल पर धरना प्रदर्शन किया। विद्यार्थी परिषद ने इस धरने प्रदर्शन के माध्यम से विश्वविद्यालय की स्वायतता बहाल करने की मांग उठाई। इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थान HPU के अधिनियम 1970 के अनुच्छेद 21 एवं 28 (1) में वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए संशोधन की वजह से विश्वविद्यालय के विकास कार्य तथा छात्र हितों में शीघ्र निर्णय लेने की प्रक्रिया में बहुत बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

शिमला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) इकाई ने वीरवार दोपहर को ऐतिहासिक पिंक पैटल पर धरना प्रदर्शन किया। विद्यार्थी परिषद ने इस धरने प्रदर्शन के माध्यम से विश्वविद्यालय की स्वायतता बहाल करने की मांग उठाई। इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थान HPU के अधिनियम 1970 के अनुच्छेद 21 एवं 28 (1) में वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए संशोधन की वजह से विश्वविद्यालय के विकास कार्य तथा छात्र हितों में शीघ्र निर्णय लेने की प्रक्रिया में बहुत बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

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उन्होंने कहा कि बीते वर्ष 22 जुलाई को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान इन संशोधनों को वापिस लेने तथा विश्वविद्यालय की स्वायतता को पुनः बहाल करने की घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर द्वारा की गई थी जिसका विद्यार्थी परिषद ने स्वागत किया था। परंतु अभी तक प्रदेश सरकार द्वारा इस घोषणा का पूरा नहीं किया गया है जिसके कारण विश्वविद्यालय में कई विकास कार्यों और नियुक्तियों को लेकर बाधाएं आ रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के विकास तथा गुणवत्ता के लिए उसकी पूर्णतः स्वायतता का होना अति आवश्यक है।

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायतता न होने की वजह से विश्वविद्यालय के विकास से संबंधित और महत्वपूर्ण निर्णय लेने की प्रक्रिया में देरी होना विश्वविद्यालय के छात्रों, अध्यापकों व कर्मचारियों के लिए सही नहीं है। स्वायतता बहाल न होने के कारण विवि प्रशासन विश्वविद्यालय से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय नहीं ले पा रहा है | इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने कहा कि अनुच्छेद 28(1) के अंतर्गत विश्वविद्यालय में शिक्षकों एवं गैर शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के पदों का सृजन व पदों की भर्तियां, पदोन्नति नियमों का निर्माण एवं संशोधन इत्यादि सर्वप्रथम प्रदेश सरकार की वित्त समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना अपेक्षित है।

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विद्यार्थी परिषद का मानना है कि विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थान के लिए विकास कार्यो में और महत्वपूर्ण निर्णय लेने में देरी होना प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रों, अध्यापकों व कर्मचारियों के लिए सही नहीं है। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से माँग करती है कि अधिनियम 1970 के अनुच्छेद 21 एवं 28 में वर्ष 2015 में किए गए संशोधन पर सरकार पुनः विचार करे तथा प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रों, अध्यापकों व कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त अधिनियम में किये गए संशोधन को पुनः इसके मूल रूप में बहाल करे, ताकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायतता यथावत बनी रहे।

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धरने प्रदर्शन के उपरांत एबीवीपी एचपीयू का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री से मिला। शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए विद्यार्थी परिषद ने सरकार से मांग की कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द विवि की स्वायतता को बहाल करे ताकि विवि प्रशासन अपने बलबूते पर विश्वविद्यालय के विकास एवं अन्य मुद्दों पर फैसले ले सके। कमलेश ने कहा कि शिक्षा मंत्री गोविन्द ठाकुर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की इस मांग को वास्तविक मांग बताते हुए इसे जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।

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