हिमाचलः पंचायत प्रधान ने सचिव पर लगाए भ्रष्टाचार करने के आरोप

पुईद पंचायत के प्रधान सर चंद ने कहा कि सचिव ने लकड़ी किसी और से खरीदी, बिल किसी और के नाम से बनाया और राशि किसी और के खाते में जमा कर दी गई।
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हिमाचल प्रदेश जिला कुल्लू की खराहल घाटी की पुईद पंचायत के प्रधान ने वर्ष-2020 में पंचायत भवन के अंदरूनी निर्माण कार्य में तत्कालीन सचिव द्वारा घोटाला किए जाने के आरोप लगाए हैं। वहीं, अब विभागीय कार्यवाही में भी तत्कालीन सचिव से रिकवरी के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन अभी तक सचिव द्वारा रिकवरी नहीं दी गई है। ऐसे में जिला प्रशासन को सचिव पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

कुल्लू। हिमाचल प्रदेश जिला कुल्लू की खराहल घाटी की पुईद पंचायत के प्रधान ने वर्ष-2020 में पंचायत भवन के अंदरूनी निर्माण कार्य में तत्कालीन सचिव द्वारा घोटाला किए जाने के आरोप लगाए हैं। वहीं, अब विभागीय कार्यवाही में भी तत्कालीन सचिव से रिकवरी के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन अभी तक सचिव द्वारा रिकवरी नहीं दी गई है। ऐसे में जिला प्रशासन को सचिव पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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पुईद पंचायत के प्रधान सर चंद ने ढालपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि तत्कालीन पंचायत सचिव के द्वारा पंचायत भवन के निर्माण कार्य में वित्तीय अनियमितताएं बरती गई हैं। सचिव ने लकड़ी किसी और से खरीदी, बिल किसी और के नाम से बनाया गया और राशि किसी और के खाते में जमा कर दी गई। इसके अलावा पंचायत भवन के बाहर टाइलें भी सिर्फ कागजों में लगाई गई और उसका भुगतान भी जारी कर दिया गया। 

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उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि धरातल में पंचायत भवन के बाहर कोई टाइल नहीं लगी है। 2 साल पहले ली गई सीमेंट की बोरियां भी ऐसे ही पड़े-पड़े खराब हो गईं। सर चंद ने कहा कि इसके बारे में उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी शिकायत दी और शिकायत में भी उसे दोषी पाया गया। वहीं, विभागीय कार्यवाही में तत्कालीन सचिव को पूरी राशि जमा करने के भी आदेश जारी किए, लेकिन सचिव ने अभी तक राशि जमा नहीं करवाई है।

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सर चंद ठाकुर का कहना है कि उक्त सचिव ने यह सब वित्तीय अनियमितताएं जानबूझकर की हैं और जिला प्रशासन को भी इस मामले में उस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उक्त सचिव को जो राशि जमा करने के आदेश जारी हुए हैं, वह पंचायत को अब ब्याज के साथ वापस चाहिए। ताकि सरकार का पैसा पंचायत के विकास पर खर्च हो सके। वहीं जिला प्रशासन व सरकार को भी ऐसे सचिवों पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। 

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