हिमाचलः आजादी के 75 साल बाद मिटेगा अंधेरा, पहली बार बिजली से रोशन होंगे 40 घर, पढ़िए रिपोर्ट

गाड़ापारली पंचायत के चार गांव शाक्टी, मरौड़, शुगाड़ और कुटला गांव अति दुर्गम हैं। चारों गांवों के 40 घर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में हैं।
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Electric Bulb Will Be Lit First Time In Four Villages Of himachal हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की सैंज तहसील के चार गांवों में पहली बार बिजली लाइन पहुंचेगी। यह चार गांव गाड़ापारली पंचायत में आते हैं। आजादी के 75 साल बीतने के बाद अब जाकर 300 ग्रामीणों का इंतजार खत्म होने वाला है। रियलिटी यह है कि गाड़ापारली पंचायत के चार गांव शाक्टी, मरौड़, शुगाड़ और कुटला गांव अति दुर्गम हैं। चारों गांवों के 40 घर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में हैं, ऐसे में वहां से बिजली लाइन नहीं बिछाई जा सकी है।   मगर लोगों की सुविधा को देखते हुए अब ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में बिजली लाइन बिछाने की अनुमति मिल गई है। आजादी के 75 साल बाद आखिरकार 300 ग्रामीणों का इंतजार खत्म होने वाला है। नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से 11 केवी एचटी ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की अनुमति प्रदान की है। राज्य बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ इसकी अनुमति पहले ही दे चुका है। अब वन विभाग की मंजूरी का इंतजार है।

कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की सैंज तहसील के चार गांवों में पहली बार बिजली लाइन पहुंचेगी। यह चार गांव गाड़ापारली पंचायत में आते हैं। आजादी के 75 साल बीतने के बाद अब जाकर 300 ग्रामीणों का इंतजार खत्म होने वाला है। रियलिटी यह है कि गाड़ापारली पंचायत के चार गांव शाक्टी, मरौड़, शुगाड़ और कुटला गांव अति दुर्गम हैं। चारों गांवों के 40 घर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में हैं, ऐसे में वहां से बिजली लाइन नहीं बिछाई जा सकी है।

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मगर लोगों की सुविधा को देखते हुए अब ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में बिजली लाइन बिछाने की अनुमति दे दी गई है। आजादी के 75 साल बाद आखिरकार 300 ग्रामीणों का इंतजार खत्म होने वाला है। नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से 11 केवी एचटी ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की अनुमति प्रदान की है। राज्य बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ इसकी अनुमति पहले ही दे चुका है। अब वन विभाग की मंजूरी का इंतजार है। 

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अब वन विभाग की अनुमति मिलने के बाद ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से होते हुए इन गांवों तक 12.118 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी। बता दें कि यहां के ग्रामीण अभी सोलर लाइट के सहारे ही गुजर बसर कर रहे हैं। बर्फीला इलाका होने के चलते सोलर लाइटें काम नहीं करती हैं। बताया जाता है कि यह लाइटें एक एनजीओ ने 8 साल पहले ही गांवों को मुहैया करवाई थीं। लेकिन अब 40 घरों में बिजली के बल्ब टिमटिमाएंगे। 

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ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के डीएफओ निशांत मंढोत्रा ने कहा कि पार्क से दुर्गम गांवों के लिए एचटी ट्रांसमिशन लाइन ले जाने की नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ से अनुमति प्रदान की गई है। बिजली बोर्ड कुल्लू के अधीक्षण अभियंता संजय कौशल ने कहा कि वन वभाग की मंजूरी का इंतजार है। जैसे ही हरी झंडी मिलती है, बोर्ड बिजली लाइनों को बिछाने का काम शुरू कर देगा। इस पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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