हमीरपुर के सुभाष शर्मा ने कर दिखाया कमाल, गर्म इलाके में केसर की खेती कर हुए मालामाल

केसर की खेती जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और ठंडे इलाके में होती है। लेकिन अब केसर की खेती जिला हमीरपुर में भी होने लगी है। बड़सर के गांव बड़ीत्तर में सुभाष चंद शर्मा ने केसर की खेती कर कमाल कर दिया है।
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भारत में केसर की खेती जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और ठंडे इलाके में होती है। लेकिन अब केसर की खेती जिला हमीरपुर में भी होने लगी है। जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा क्षेत्र के गांव बड़ीत्तर में सुभाष चंद शर्मा ने केसर की खेती कर कमाल कर दिया है। गर्म इलाके के रहने वाले सुभाष चंद शर्मा ने केसर की खेती लाखों रुपये का मुनाफा कमाया है।

हमीरपुर। भारत में केसर की खेती जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और ठंडे इलाके में होती है। लेकिन अब केसर की खेती जिला हमीरपुर में भी होने लगी है। जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा क्षेत्र के गांव बड़ीत्तर में सुभाष चंद शर्मा ने केसर की खेती कर कमाल कर दिया है। गर्म इलाके के रहने वाले सुभाष चंद शर्मा ने केसर की खेती लाखों रुपये का मुनाफा कमाया है।

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सुभाष शर्मा ने बताया कि बीते वर्ष उन्होंने साढ़े पांच किलो केसर बेचा था। इससे उन्होंने साढ़े तीन लाख रुपये का मुनाफा कमाया था। सुभाष बताते हैं कि मुनाफे को देखते हुए इस बार दो कनाल जमीन पर केसर की खेती उगाई है। जोकि मार्च माह में तैयार हो जाएगी। सुभाष चंद शर्मा द्वारा उगाई जा रही केसर की खेती की लोगों द्वारा जमकर सराहना की जा रही है, साथ ही उनसे गुरु सीखने की इच्छा भी जता रहे हैं। 
 

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गौर करने वाली बात है कि केसर की खेती ठंडे पहाड़ी क्षेत्रों में होती है। कश्मीर और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती होती है। लेकिन हिमाचल प्रदेश का जिला हमीरपुर एक गर्म इलाका है। ऐसे में यहां केसर की खेती करना आसान नहीं है, लेकिन बड़ीत्तर गांव के किसान सुभाष चंद ने गर्म इलाके केसर की खेती उगाकर कर सबको हैरान कर दिया है। सुभाष चंद की केसर की खेती को देखने के लिए दूर-दूर से किसान देखने के लिए पहुंच रहे हैं। 

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सुभाष चंद ने बताया कि उत्तराखंड के रहने वाले एक मित्र ने उन्हें केसर की खेती के लिए प्रेरित किया था। उनसे केसर का बीज एकत्रित किया और खेतों में बिजाई की। हालांकि पहले उन्हें असफलता ही हाथ लगी। लेकिन कड़ी मेहनत के कारण उन्होंने केसर की फसल को उगाया और लाखों रुपये का मुनाफा कमाने में सफल हुए। सुभाष चंद ने बताया कि इस बार उन्होंने तीस हजार रुपये के केसर के बीज की दो कनाल जमीन पर बिजाई की है।

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बेरोजगार युवाओं से आह्वान करते हुए सुभाष ने कहा कि जिनके पास जमीन है वह केसर की खेती करके अपनी आजीविका घर बैठे ही कमा सकते हैं। केसर की खेती देखने पहुंचे रविदत्त शर्मा में बताया कि उन्होंने केसर की खेती जम्मू-कश्मीर में ही होते हुए सुनी थी। लेकिन सुभाष ने भी केसर को गांव में उगाकर मिसाल पेश की है। कृषि विभाग को भी ऐसे किसानों की मदद करनी चाहिए और इस तरह की फसलों को उगाने की प्रेरणा देनी चाहिए। 

क्षेत्र के दीप राम शर्मा ने बताया कि उन्होंने के केसर की खेती बाहरी राज्यों होते हुए सुनी थी। लेकिन सुभाष चंद ने बड़ीत्तर गांव में केसर की खेती की है जोकि बहुत ही सराहनीय है। ग्रामीणों सरला देवी और सलोचना देवी ने भी सुभाष चंद के इस काम की जमकर सराहना की है। उन्होंने कहा कि केसर की खेती ठंडे क्षेत्रों में होती है। लेकिन हमीरपुर एक गर्म जिला है फिर भी सुभाष ने मेहनत कर केसर की खेती उगाई है वह काविले तारीफ  है।

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