जल जीवन मिशन ने हासिल की उपलब्धिः देश के नौ करोड़ ग्रामीण घरों में नल से पहुंचा पानी
नई दिल्ली। देश के 5.77 करोड़ से अधिक ग्राणीण घरों में नल से जल उपलब्ध करवा दिया है। जल जीवन मिशन के तहत ढाई साल से भी कम अवधी में यह उपलब्धि हासिल की है। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की दिक्कतों के बावजूद जल जीवन मिशन ने 5.77 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचकर इतिहास रच दिया है। परिणामस्वरूप आज देश के नौ करोड़ ग्रामीण घरों को नल से साफ पानी की आपूर्ति हो रही है।
जलशक्ति मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार 15 अगस्त, 2019 को मिशन की घोषणा होने के वक्त भारत में 19.27 करोड़ घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) घरों में ही पानी का कनेक्शन था। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की प्रधानमंत्री की परिकल्पना सम्बंधी सिद्धांत के तहत छोटी सी अवधि में ही 98 जिले, 1,129 प्रखंड, 66,067 ग्राम पंचायतें और 1,36,135 गांव ‘हर घर जल’ के दायरे में आ चुके हैं।
गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह, पुदुच्चेरी, दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव में हर ग्रामीण घर में नल से जलापूर्ति हो रही है। पंजाब (99%), हिमाचल प्रदेश (92.4%), गुजरात (92%) और बिहार (90%) जैसे कई अन्य राज्य भी 2022 में ‘हर घर जल’ के मुहाने पर पहुंच गए हैं। पांच वर्ष की अवधि में हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।
केंद्रीय बजट 2022-23 में 3.8 करोड़ घरों तक नल से जल पहुंचाने के लिए ‘हर घर जल’ को 60,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, वर्ष 2021-22 में राज्यों को 26,940 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो ग्रामीण स्थानीय निकायों/पंचायती राज संस्थानों को जल एवं स्वच्छता सम्बंधी अनुदान दिए जाने की 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों से जुड़ा है। अगले पांच वर्षों, यानी 2025-26 तक के लिये 1,42,084 करोड़ रुपये के आश्वस्त वित्तपोषण का प्रावधान है।
पिछले 24 महीनों में नल से जलापूर्ति में चार गुना इजाफा हुआ तथा वह 117 आकांक्षी जिलों में 24 लाख (9.3 प्रतिशत) से बढ़कर लगभग 1.36 करोड़ (49 प्रतिशत) घरों तक पहुंच गई। इसी तरह जापानी बुखार-दिमागी बुखार (जेई-एईएस) प्रभावित के 61 जिलों मे 1.15 करोड़ से अधिक घरों (38 प्रतिशत) में नल से पानी पहुंचाया जा रहा है।
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