बड़सर की धरती पर चंदन के 100 पेड़ उगा कर पेश की मिसाल

हिमाचल प्रदेश के बड़सर विस क्षेत्र के एक व्यक्ति ने कर्नाटक की तर्ज पर चंदन के पेड़ों का बगीचा लगाकर एक नई मिसाल पेश की है। रिटायर पीटीआई वतन सिंह ने क्षेत्र में चंदन के पेड़ों का बगीचा तैयार किया।  
 | 
photo

हमीरपुर  ।   बड़सर की धरती चंदन की खुशबू से महकना शुरू हो गई है। हिमाचल प्रदेश के बड़सर विस क्षेत्र के एक व्यक्ति ने कर्नाटक की तर्ज पर चंदन के पेड़ों का बगीचा लगाकर एक नई मिसाल पेश की है। हालांकि प्रदेश के कुछेक स्थानों में इससे पूर्व भी चंदन के पेड़ उगे हुए हैं, लेकिन बड़सर क्षेत्र के रिटायर पीटीआई बतन सिंह ने सैकड़ों पेड़ लगाकर क्षेत्र को चंदन की खुशबू की रंग में रंग दिया है।

यह भी पढ़े  : -    गोविंद सागर झील बुझाएगी बड़सर की प्यास, परियोजना पर 150 करोड़ रुपए खर्च होने का है अनुमान


बताते चलें कि उपमंडल बड़सर में लोक निर्माण विभाग कॉलोनी के समीप रहने वाले रिटायर पीटीआई वतन सिंह ने अपनी निजी भूमि पर चंदन के पेड़ों का बगीचा तैयार किया है। वर्तमान में उनके बगीचे में करीब 100 चंदन के पेड़ लगे हैं। वतन सिंह को आने वाले समय में इससे अच्छी खासी आय प्राप्त होने वाली है। उन्होंने वर्ष 2011 में अपनी खाली भूमि में चंदन के पौधे लगाए थे। वतन सिंह शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि देश में सफेद चंदन 10 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। जबकि विदेशों में इसकी कीमत 15 हजार से 20 हजार रुपये प्रति किलो है। एक पौधा करीब 15 से 20 किलो चंदन पैदा करता है। एक पौधे की कीमत दो लाख रुपये के करीब है।

यह भी पढ़े  : -      Himachal : एनएचएम का खुलासा, हिमाचल प्रदेश में हर दूसरा बच्चा एनीमिया का शिकार

वहीं 100 पेड़ों की कीमत करोड़ों रुपयों में हैं। वतन सिंह ने सैकड़ों पौधे लगाए थे। इनमें से 100 पौधे अच्छे विकास के साथ बढ़ रहे हैं। वतन सिंह ने कहा कि सरकार की तरफ  से कोई विशेष प्रोत्साहन चंदन की खेती के लिए नहीं दिया जाता। वन विभाग के साथ संपर्क करें तो वन विभाग के अधिकारियों का साफ  कहना होता है कि यह बागवानी विभाग का पौधा है। बागवानी विभाग ही इसमें अमल कर सकता है। जब बागवानी विभाग से संपर्क साधते हैं तो वहां भी अधिकारी मौन साध लेते हैं।

उन्होंने कहा कि जिला में चंदन की खेती में तरक्की कर सकता है, अगर उद्यान विभाग चंदन की खेती को बढ़ावा दे। हमीरपुर जिला की खेती के लिए चंदन महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। वानिकी विभाग स्वयं सहायता समूह के द्वारा अगर चंदन की खेती को बढ़ावा दें तो आने वाले समय में परिवारों की आय करोड़ों रुपए हो सकती है। लेकिन प्रदेश सरकार का बागवानी विभाग तथा भारत सरकार का बागबानी विभाग इसमें अपना कोई भी योगदान नहीं दे पा रहा है। इस कार्य को करने में लाखों रुपए खर्च होते हैं।

यह भी पढ़े  : -     तो हिमाचल में भाजपा के साथ हो गया 'खेला', वायरल ऑडियो से बढ़ी पार्टी की चिंता

किसानों को प्रोत्साहित किया जाए तो इस क्षेत्र की तस्वीर बदल सकती है। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि, विधायक व सांसद इस मामले में मौन धारण किए हैं, इसका निदान किया जाना चाहिए। लोगों को इसका लाभ तभी मिल सकता है जब सरकार इसके लिए प्रोत्साहन दे।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।