Himachal : एनएचएम का खुलासा, हिमाचल प्रदेश में हर दूसरा बच्चा एनीमिया का शिकार

हिमाचल प्रदेश  में हर दूसरा बच्चा एनीमिया का शिकार हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से एनीमिया मुक्त हिमाचल के लिए चलाए गए विशेष अभियान में यह बात सामने आई है। 

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में हर दूसरा बच्चा एनीमिया का शिकार है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से एनीमिया मुक्त हिमाचल के लिए चलाए गए विशेष अभियान में यह बात सामने आई है। एनएचएम ने प्रदेश भर में चार अक्तूबर से लेकर अब तक कुल 3,45,002 बच्चों की स्क्रीनिंग की है। इस दौरान कुल 14,081 स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा किया गया हैं। कुल 3,45,002 बच्चों में से 1,42,971 बच्चे एनीमिया के शिकार पाए गए हैं।

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प्रदेश भर में चलाए गए इस अभियान में 53,033 बच्चों में एनीमिया के हल्के लक्षण पाए गए हैं। 87,691 बच्चों में मध्यम लक्षण पाए गए हैं, जबकि 2,247 बच्चों में एनीमिया के गंभीर लक्षण मिले हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग के साथ ही एनएचएम मिशन में शामिल अधिकारी चौंक गए हैं। जिन बच्चों में एनीमिया के लक्षण पाए गए हैं, उनका एनीमिया मुक्त हिमाचल की गाइडलाइंस के तहत इलाज शुरू कर दिया गया हैं, ताकि एनीमिया को दूर किया जा सके।

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इससे पहले नेशनल फेमिली हैल्थ सर्वे-5 में भी हिमाचल में एनीमिया के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई थी। नेशनल फेमिली हैल्थ सर्वे-4 के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में 6-59 महीनों के बच्चों में एनीमिया की प्रतिशतता 53.7 थी, तो वहीं नेशनल फेमिली हैल्थ सर्वे-5 में यह दर बढक़र 55.4 प्रतिशत हो गई थी। बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे एनीमिया से ग्रस्त पाए गए थे।

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प्रदेश में एनीमिया की रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से एनीमिया मुक्त हिमाचल का अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान चार अक्तूबर को शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत प्रदेशभर में छह से दस साल के करीब 11 लाख बच्चों की स्क्रीनिंग की जानी हैं। यह स्क्रीनिंग अभियान 11 दिसंबर तक जारी रहेगा। जिन बच्चों में एनीमिया के लक्षण है, उनका उपचार भी किया जाएगा।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से प्रदेश में एनीमिया की रोकथाम के लिए थ्री टी कैंप का आयोजन किया जा रहा है। थ्री टी यानी टेस्ट, ट्रीट और टॉक। एनीमिया की रोकथाम के लिए छह से 59 महीने के बच्चों को आईएफए सिरप, पांच से दस साल के बच्चों को आईएफए पिंक, 11 से 19 साल के बच्चों को आईएफ ब्लू और गर्भवत्ती महिलाओं को अनीमिया से बचने के लिए आईएफए रेड प्रदान की जाती हैं।

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