लवी मेले का बहानाः विक्रमादित्य का जयराम और अफसरों पर निशाना, बोले-2022 दूर नहीं

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA vikramaditya Singh) ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने जयराम सरकार (Jairam Thakur Gov't) पर बदले की भावना से राजनीति करने का आरोप लगाया है।
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कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA vikramaditya Singh) ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने जयराम सरकार (Jairam Thakur Gov't) पर बदले की भावना से राजनीति करने का आरोप लगाया है।

शिमला। कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA vikramaditya Singh) ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। विक्रमादित्य ने जयराम सरकार (Jairam Thakur Gov't) पर बदले की भावना से राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने लवी मेले (Lavi Fair) को भी राजनीति के शिकार होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय लवी मेले को कोरोना के चलते बंद रखने की बात कही गई है, जबकि चुनाव के समय सरकार ने जमकर रैलियां की थी। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर की है।


विक्रमादित्य सिंह ने लिखा, 'रामपुर बुशहर के ऐतिहासिक लवी मेले को भापजा सरकार ने चढ़ाया राजनीति की भेंट। कोरोना रामपुर में चुनाव के समय नहीं था, जब मुख्यमंत्री जी हजारों लोगों की रैली को संबोधित कर रहे थे। रेणुका जी के मेले में भी कोरोना नहीं है।' वहीं उन्होंने प्रदेश सरकार के अधिकारियों को भी आड़े हाथ लेते हुए लिखा, जो अफसर सरकार के अवैध निर्णय को जनता के ऊपर थोपने की कोशिश कर रहे हैं, याद रखें 2022 ज्यादा दूर नहीं है। आपके द्वारा किएए गए हर अवैध निर्णय की आप पर प्रशाशनिक कार्रवाई करवाई जाएगी। जनता के हितों के ऊपर कुछ भी नहीं है। 

वहीं, उन्होंने शिमला में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि रामपुर में उपचुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है, जिसके चलते यह मेला राजनीति की भेंट चढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा रेणुका मेला धूमधाम से मनाया जाता है। सीएम जयराम ठाकुर खुद उसमें जाते हैं, लेकिन लवी मेले में न तो सीएम जाते हैं और न ही राज्यपाल जाते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भी नियमों के तहत काम करना चाहिए, जो भी अधिकारी नियमों को दरकिनार कर काम कर रहे हैं कांग्रेस की सरकार बनने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह सवर्ण आयोग के खिलाफ नहीं है। अन्य आयोगों की तर्ज पर प्रदेश में सवर्ण आयोग का गठन किया जाना चाहिए। अगर वर्तमान सरकार इसे नहीं बनाती है तो कांग्रेस सरकार बनने पर स्वर्ण आयोग बनाया जाएगा। उन्होंने कहा प्रदेश में पहले हुई इनवेस्टर मीट भी धरातल पर नहीं उतर पाई है। सरकार को इस पर विधानसभा में स्वेत पत्र लाना चाहिए और कितना निवेश धरातल पर उतरा है इसको जनता के सामने रखना चाहिए। 

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