मनरेगा के तहत 100 करोड़ रुपये का अग्रिम राशि फंड बना रहा विभागः वीरेंद्र कंवर
ऊना। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर (Virender Kanwar) ने कहा है कि मनरेगा (MGNREGA) के तहत जिलों से मिली प्रस्तावनाओं में त्रुटियां पाई गई हैं, जिन्हें जल्द से जल्द दूर करने के लिए संबंधित जिलों के अतिरिक्त उपायुक्तों एवं परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दो दिन के भीतर केंद्र सरकार को मनरेगा के अतंर्गत वर्ष 2020-21 का उपयोगिता प्रमाण पत्र भेज दिया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी इस दिशा में कार्य कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द बचा हुआ भुगतान किया जा सके।
वीरेंद्र कंवर (Virender Kanwar) ने कहा कि मनरेगा (MGNREGA) के भुगतान में होने वाली देरी की समस्या का स्थाई समाधान निकालने के लिए वर्ष 2021-22 में विभाग 100 करोड़ रुपये का अग्रिम राशि फंड बना रहा है। उन्होंने कहा कि सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद यह राशि फंड में जमा कर दी गई है, ताकि सामग्री की खरीद की अदायगी की जा सके। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री (Minister of Rural Development and Panchayati Raj) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने मनरेगा (MGNREGA) में लक्ष्य से आगे बढ़कर कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में अक्तूबर माह तक 200.74 लाख कार्य दिवस अर्जित करने का लक्ष्य था, जबकि राज्य में इसी अवधि में 209.11 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए। मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं जुटाई जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश में मनरेगा के तहत करोड़ों रुपये से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं, जो किसी भी सरकार के कार्यकाल में रिकॉर्ड हैं। वर्ष 2017-18 में 567.77 करोड़, वर्ष 2018-19 में 849.48 करोड़, वर्ष 2019-20 में 708.97 करोड़, वर्ष 2020-21 में 988.95 करोड़ तथा इस वित्त वर्ष में अब तक 673.41 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
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