हिमाचल में आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने पर विचार कर रही सरकार ः सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने पर विचार किया जा रहा है। किसी भी कर्मी को नौकरी से निकालने की नीति कांग्रेस सरकारों की नहीं रही है।
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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने पर विचार किया जा रहा है। किसी भी कर्मी को नौकरी से निकालने की नीति कांग्रेस सरकारों की नहीं रही है। कंपनियों के तहत नियुक्त आउटसोर्स कर्मियों के अनुबंध पत्र देखने के बाद आगामी फैसला लेने का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया। 

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने पर विचार किया जा रहा है। किसी भी कर्मी को नौकरी से निकालने की नीति कांग्रेस सरकारों की नहीं रही है। कंपनियों के तहत नियुक्त आउटसोर्स कर्मियों के अनुबंध पत्र देखने के बाद आगामी फैसला लेने का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया। 

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सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने सवाल करते हुए आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्पष्ट नीति बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सरकारी विभागों और उपक्रमों में करीब 19,916 कर्मी आउटसोर्स आधार पर तैनात हैं।

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उन्होंने कहा कि अगर एसएमसी और कंप्यूटर शिक्षकों सहित कुछ वर्गों को भी जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 40 हजार पहुंच जाएगा। यह सभी कर्मी अपने भविष्य के लिए चिंतित हैं।

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भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि 31 दिसंबर 2022 को जल शक्ति विभाग से कई कर्मचारी नौकरी से निकाल दिए गए हैं। 31 मार्च 2023 को अन्य विभागों के टेंडर समाप्त होने वाले हैं। इससे कामकाज प्रभावित होने की संभावना है। उन्होंने सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग उठाई।

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जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जल शक्ति विभाग में इस वर्ष पांच हजार पद भरने का फैसला लिया है। आउटसोर्स कर्मियों को यात्रा भत्ता और ईएसआई की सुविधा भी दी जानी है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही इन कर्मियों के लिए नीति बनाएगी।

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