भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के गृह जिला में जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का इस्तीफा

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला बिलासपुर में भाजपा का करारा झटका लगा है। जिला परिषद बिलासपुर की अध्यक्ष कुमारी मुस्कान, उपाध्यक्ष प्रेम सिंह ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं।
 | 
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला बिलासपुर में भाजपा का करारा झटका लगा है। जिला परिषद बिलासपुर की अध्यक्ष कुमारी मुस्कान, उपाध्यक्ष प्रेम सिंह ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं। हालांकि अभी तक यह इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन इसके लिए प्रशासन के साथ पंचायती राज विभाग नियमानुसार प्रक्रिया पूरी कर रहा है। वहीं, जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। 

बिलासपुर । भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला बिलासपुर में भाजपा का करारा झटका लगा है। जिला परिषद बिलासपुर की अध्यक्ष कुमारी मुस्कान, उपाध्यक्ष प्रेम सिंह ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं। हालांकि अभी तक यह इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन इसके लिए प्रशासन के साथ पंचायती राज विभाग नियमानुसार प्रक्रिया पूरी कर रहा है। वहीं, जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। 

यह भी पढ़ेंः-हिमाचल में अटल जी के नाम की योजनाएं बंद नहीं करेंगे सुक्खू, 5000 पदों पर भर्ती का ऐलान


भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला में भाजपा समर्थित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, जबकि जिला परिषद के 14 सदस्यों में से अभी भी आठ भाजपा समर्थित और छह कांग्रेस समर्थित हैं। जानकारी के अनुसार जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के खिलाफ 11 जिला परिषद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव उपायुक्त बिलासपुर को सौंपा था। बहुमत साबित करने के लिए सोमवार को बैठक रखी गई थी।

यह भी पढ़ेंः-हिमाचल के शिक्षकों को विदेश भेजेंगे सीएम सुक्खू, 20 हजार लड़कियों को देंगे स्कूटी

इस बैठक में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होना था, लेकिन बैठक से कुछ मिनट पहले ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने उपायुक्त बिलासपुर को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। हालांकि प्रक्रिया के तहत बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पारित करने वाले 11 जिला परिषद सदस्य भी पहुंचे। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। अब अगली बैठक नियमानुसार 30 दिन बाद होगी। 

यह भी पढ़ेंः-डलहौजी की बेटी दिल्ली में बनी सिविल जज, न्यायिक सेवा परीक्षा पास की


बताया जा रहा है कि इस निर्धारित समय अवधि में यदि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अपना त्याग पत्र वापस ले लेते हैं, तो प्रशासन की ओर से आगामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। वहीं, प्रशासन की ओर से अब यह त्यागपत्र पंचायती राज विभाग निदेशक को भेजा जाएगा। वहीं, उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में आगामी प्रक्रिया नियमानुसार अपनाने को लेकर विभाग को निर्देश दिए गए हैं। 

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।