हिमाचल में इस दिन से बदलेगा मौसम, तीन दिन होगी भारी बर्फबारी
शिमला। हिमाचल प्रदेश में हालिया मौसम परिवर्तन से किसानों और बागबानों को राहत मिली है। लंबे समय से सूखे की मार झेल रहे किसान और बागबान अब उम्मीद कर रहे हैं कि यह मौसम उनकी फसलों और बागवानी के लिए संजीवनी साबित होगा। हाल ही में हुई बर्फबारी और बारिश से खेतों में नमी बढ़ी है, जिससे रबी फसलों को फायदा होगा।
इस बीच, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मनाली-केलंग मार्ग को 24 घंटे के भीतर बहाल कर दिया है। यह मार्ग अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर पर भारी हिमपात के कारण अवरुद्ध हो गया था। डेढ़ से दो फीट तक हुई बर्फबारी के कारण यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन अब सड़क खुलने से आवागमन सुचारु हो गया है। इस मार्ग के बहाल होने से स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बड़ी राहत मिली है।
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 25 फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके चलते प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तीन दिनों तक हिमपात और वर्षा हो सकती है। 25 फरवरी तक कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा और बर्फबारी की संभावना जताई गई है, जबकि अन्य जगहों पर धूप खिलने के आसार भी हैं। इस पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आने वाले दिनों में मौसम में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जो कृषि और बागवानी के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
हालांकि, हिमपात के कारण चंबा जिले का पांगी क्षेत्र अब भी शेष प्रदेश से कटा हुआ है। भारी बर्फबारी के चलते सड़क मार्ग अवरुद्ध है, जिससे स्थानीय निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, लाहुल-स्पीति में हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
बागबानी विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही में हुई वर्षा और हिमपात से जो नमी प्राप्त हुई है, उसे संरक्षित करने की आवश्यकता है। नौणी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एस.पी. भारद्वाज ने सुझाव दिया है कि इस समय बगीचों में अधिक छेड़छाड़ न करें, विशेषकर मिट्टी की खुदाई से बचें ताकि नमी सुरक्षित रह सके। उन्होंने किसानों को यह भी सलाह दी कि वे अपने बागों में अतिरिक्त जल निकासी की उचित व्यवस्था करें ताकि ज्यादा नमी से पेड़ों को नुकसान न पहुंचे।
इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने भीषण ठंड के मद्देनजर लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। मौसम की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में राहत और आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट मोड में रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
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