हमीरपुर के जीरो एनरोलमेंट वाले तीन और स्कूल होंगे बंद

हमीरपुर जिला में पहले भी बंद हो चुके हैं दस स्कूल। बरवाड़ा, पीपल- छनेड़ में एक भी छात्र नहीं, प्राइवेट स्कूलों की एडमिशन पड़ रही भारी।
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हमीरपुर । शिक्षा का हब कहे जाने वाले हमीरपुर जिला के सरकारी स्कूलों से छात्रों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रों का प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने का दौर लगातार जारी है। जीरो एनरोलमेंट का दंश झेल रहे स्कूलों में तीन और स्कूल शामिल हो गए हैं। इन स्कूलों में अभी तक एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है। ऐसे में तीनों स्कूलों पर भी ताले लटक सकते हैं। प्रदेश सरकार ने हाल ही में हमीरपुर जिला के दस प्राइमरी स्कूलों को जीरो एनरोलमेंट के चलते बंद किया था। जिला की राजकीय प्राथमिक पाठशालाएं साल दर साल खाली होती जा रही हैं, जो कि चिंता का विषय है।

प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में छात्रों को हर सुविधा मुहैया करवाने में लगी हुई है फिर भी छात्रों के अभिभावक अपने लाडलों को सरकारी स्कूलों की बजाए प्राइवेट स्कूल में ही भेजना ठीक समझ रहे हैं। इस वर्ष भी हमीरपुर जिला के तीन प्राथमिक पाठशालाओं में एक भी छात्र ने अब तक दाखिला नहीं लिया है। इनमें हमीरपुर ब्लॉक के दो स्कूल और सुजानपुर ब्लॉक का एक स्कूल शामिल है। अगर इन स्कूलों में किसी भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया, तो इन स्कूलों पर भी ताले लटक सकते हैं। स्कूलों की जीरो एनरोलमेंट ने शिक्षा विभाग की भी दिक्कतें बढ़ा दी हैं।

इनमें राजकीय प्राथमिक पाठशाला बरवाड़ा, राजकीय प्राथमिक पाठशाला छनेड़ और राजकीय प्राथमिक पाठशाला पीपल में अभी तक एक भी छात्र दाखिल नहीं हुआ है। हालांकि स्कूलों में एडमिशन का दौर अभी भी जारी है। हालांकि कई सरकारी स्कूलों के स्टाफ ने गांव-गांव जाकर छात्रों को सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवाने के लिए विशेष अभियान भी चलाए थे। जहां पर स्कूल स्टाफ की मेहनत भी रंग लाई है। सूत्रों की मानें तो जिन प्राइमरी स्कूलों में सिंगल- सिंगल टीचर हैं या फिर स्कूल में बच्चों को बैठने के लिए सही जगह नहीं है उन स्कूलों में छात्रों की संख्या साल दर साल कम हो रही है, जो कि चिंता का विषय है। क्योंकि प्राइमरी एजुकेशन बच्चों के लिए नींव का काम करती है।
अगर बच्चों को प्राइमरी एजुकेशन सही मिल जाए, तो उन्हें आगे बड़ी कक्षाओं में शिक्षा ग्रहण करने में ज्यादा मशक्कत नहीं आती है। यही कारण है कि बच्चों के अभिभावक अपने लाडलों को बेहतर शिक्षा के लिए प्राइवेट स्कूलों की शरण ले रहे हैं, ताकि उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। दूसरी तरफ प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को फ्री शिक्षा, वर्दी, बैग, किताबें, खाना इत्यादि सब कुछ फ्री मुहैया करवा रही है।
 उधर, अतिरिक्त कार्यभार प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर  उपनिदेशक   राजकुमार  ने बताया  कि तीन प्राइमरी स्कूलों में अभी तक एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है, जो कि चिंता का विषय है। हालांकि अभी एडमिशन का दौर जारी है। फिर भी इन स्कूलों में कोई भी छात्र दाखिल नहीं होते हैं, तो इसकी सूचना शिक्षा निदेशालय को आगामी कार्रवाई के लिए भेज दी जाएगी।

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