राज्य में क्षतिग्रस्त अधोसंरचना की बहाली के लिए 165.22 करोड़ रुपये जारी : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू  ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त जल आपूर्ति योजनाओं के रखरखाव के लिए जल शक्ति विभाग को 74 करोड़ रुपये , क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को 14.50 करोड़ रुपये , जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 3.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं ।
 | 
CM  Sukhu

शिमला ।  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने  कहा कि राज्य में मूसलाधार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई अधोसंरचना की बहाली के लिए राज्य के सभी उपायुक्तों और संबंधित विभागों को 165.22 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त जल आपूर्ति योजनाओं के रखरखाव के लिए जल शक्ति विभाग को 74 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।  उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को 14.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 3.70 करोड़ रुपये तत्काल राहत प्रदान करने के लिए तथा बागवानी और कृषि विभागों को क्रमशः दो-दो  करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

इसके अलावा, प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने और विभिन्न मरम्मत कार्यों के लिए सभी उपायुक्तों को 63.07 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत और निर्माण के लिए उपायुक्त कांगड़ा, सोलन और शिमला को 4.95 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उपायुक्तों और संबंधित विभागों को क्षतिग्रस्त योजनाओं एवं अन्य अधोसंरचना की मरम्मत में तेजी लाने और प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के निर्देश दिए।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में मरम्मत एवं रखरखाव कार्यों तथा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अगले 48 घंटों में भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए सतर्क रहने की भी अपील की। उन्होंने पिछले 12 घंटों के दौरान बारिश जनित घटनाओं के कारण मंडी और शिमला जिलों में छह लोगों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।

ब्यास व इसकी सहायक नदियों में स्टोन क्रशर के संचालन पर रोक : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने  कहा कि राज्य सरकार ने ब्यास नदी बेसिन और उसकी सहायक नदियों में स्टोन क्रशर के प्रयोग को तुरंत प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान मौजूदा परिस्थितियों और कांगड़ा जिले में चक्की नदी सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में ब्यास और इसकी सहायक नदियों में पारिस्थितिकी के खतरनाक परिवर्तन को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

इस निर्णय के अनुसार अगले आदेश तक बारहमासी और गैर-बारहमासी दोनों नालों के सभी स्टोन क्रशर के संचालन को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत राज्य की नाजुक पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करने, बस्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, वैध खनन के लिए जारी को रद्द नहीं किया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कैप्टिव और अस्थायी स्टोन क्रशर इस आदेश के दायरे में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा जलवायु परिवर्तन विभाग को इस प्रकार की विनाशकारी स्थिति उत्पन्न करने वाले कारकों की पहचान करने के लिए आई.आई.टी., एन.आई.टी., अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों से तुरंत उच्च स्तरीय विशेषज्ञ परामर्श लेने के निर्देश दिए गए हैं।


ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विभाग अवैज्ञानिक और अवैध खनन गतिविधियों के संचयी प्रभाव के मूल्यांकन के लिए एक बहु क्षेत्रीय विशेषज्ञ समिति का गठन करके एक व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन भी करेगा। इस अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर दूरी से संबंधित परिसीमाएं फिर से परिभाषित की जाएंगी ताकि नदियों के समीप पर्यावरण को संरक्षित करने और राज्य में अन्य ऐसी किसी भी मानवजनित आपदा से बचने के लिए ऐसे कार्यों का विनियमन और प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।