बाढ़ विस्थापितों का पुनर्वास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता : मुख्यमंत्री
शिमला । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सिरमौर जिला के तीन विधानसभा क्षेत्रों पावंटा साहिब, शिलाई तथा नाहन के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि इस बार की बरसात प्रदेश के हजारों परिवारों को गहरे घाव दे गई है और प्रदेश सरकार प्रभावितों की हरसंभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बादल फटने की घटना, बाढ़ व भूस्खलन के कारण प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण कर वहां हुई क्षति का जायज़ा लिया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिलाई विधानसभा क्षेत्र के अंबौण में गत दिनों भारी बाढ़ की चपेट में आए 22 मकानों के प्रभावित प्रत्येक परिवार को एक-एक लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों की फसलें खराब हुई हैं, प्रदेश सरकार उन्हें भी उपयुक्त मुआवज़ा प्रदान करेगी। बरसात में अपने आशियाने तथा खेत-खलियान पूरी तरह से खो चुके परिवारों के पुनर्वास को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में व्यापक चर्चा के उपरांत एक नीति बनाई जाएगी ताकि सरकार अपने संसाधनों से ही प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था कर सके।
उन्होंने कहा कि पावंटा-शिलाई राष्ट्रीय राजमार्ग के कच्ची ढांक में एक बड़े पुल का निर्माण किया जाएगा जिससे राजमार्ग पर बार-बार मलबा गिरने से यातायात बाधित होने की समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित हो सकेगा। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अभी तक प्रदेश में निजी व सरकारी संपत्ति को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है और इसकी भरपाई में समय लगेगा। उन्होंने दोहराया कि प्रदेश सरकार संकट की इस घड़ी में प्रत्येक प्रभावित के साथ है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवज़े के साथ ही जिन मकानों में सिल्ट आई है, उन्हें भी आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पशुधन की मौत पर बढ़े हुए मुआवज़े का भी प्रावधान किया गया है। आपदा में अपने परिवार को खो चुके विनोद कुमार को सांत्वना देने मुख्यमंत्री उनके घर पहुंचे। सिरमौरी ताल में आई भयंकर बाढ़ के कारण विनोद का परिवार मकान सहित दब गया था और इसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने विनोद कुमार व अन्य परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने राहत शिविर में पहुंचकर सिरमौरी ताल में बेघर हुए 17 परिवारों से भी संवाद किया और प्रशासन को इन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री नाहन विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र कंडईवाला भी पहुंचे। इस क्षेत्र में लगभग डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र बादल फटने के कारण आई बाढ़ से प्रभावित हुआ है जिसमें मकानों समेत लोगों की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को सड़क के दोनों ओर से मलबा तुरंत हटाने तथा सड़क में कलवर्ट और नालियां बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री बाढ़ में बहने से मृत्यु को प्राप्त इमरान तथा बिंदरो देवी के परिजनों से भी मिले और दोनों के परिवारों को 3.75 लाख रुपये प्रत्येक के चेक प्रदान किए।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि सिरमौर जिला में प्राकृतिक आपदा से अभी तक कुल 372 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें 21 लोग काल का ग्रास बने और 22 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि 40 मकान मलबे में दबकर तबाह हो गए जबकि 35 पशुधन की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि बहाली कार्यों के लिए लोक निर्माण, विद्युत व जल शक्ति विभाग को लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने जिला के लिए उदारतापूर्वक धनराशि उपलब्ध करवाने तथा राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
विधायक विनय कुमार, अजय सोलंकी व सुखराम चौधरी, पूर्व विधायक किरनेश जंग, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आनंद परमार, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता रूपेन्द्र ठाकुर, मंडल अध्यक्ष सीताराम, अश्वनी शर्मा, ज्ञान चौहान तथा तपेंदर चौहान, निदेशक राज्य सहकारी बैंक भारत भूषण मोहिल, निदेशक जोगेंद्रा बैंक असगर अली, खाद्य एवं आपूर्ति निदेशक मंडल की सदस्य नसीमा बेगम, उपायुक्त सुमित खिमटा, पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा, पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधि, कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी व विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे।
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