एपीजी शिमला विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस आयोजित

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पीआरएसआई शिमला चैप्टर और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के  संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रोचांसलर डॉ रमेश चौहान ने की।
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शिमला । एपीजी  शिमला  विश्वविद्यालय में  राष्ट्रीय  जनसंपर्क  दिवस पीआरएसआई  शिमला  चैप्टर  और  एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रो चांसलर डॉ रमेश चौहान ने की ।  इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ चौहान ने कहा कि भारत वर्ष एक दिसंबर, 2022 से नवंबर 2023 तक शक्तिशाली समूह जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है उन्होंने कहा कि भारत द्वारा आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर विशेषज्ञ द्वारा वैश्विक देशों  के इस बड़े समूह की अध्यक्षता के कई मायने हैं सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह वैश्विक मंच भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाने की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

 

डॉ चौहान ने कहा कि इस समूह में विश्व के तमाम विकसित देश शामिल हैं जिनकी विश्व सकल घरेलू उत्पाद में करीब 85% की भागीदारी है, ऐसे में प्रत्येक भारतीय को इस सुनहरे अवसर की अहमियत को पहचानते हुए देश में तेजी से बढ़ते कद देश के देश में तेजी से बढ़ते कद को लेकर गोरा ऐसे में प्रत्येक भारतीय को इस सुनहरे अवसर की अहमियत को पहचानते हुए देश में तेजी से बढ़ते कद को लेकर गौरवान्वित महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को G20 की अध्यक्षता मिलना इस बात को दर्शाता है कि भारत वैश्विक ताकतों  के बीच विश्व नेता बन कर उभरा है। डॉ चौहान ने कहा कि भारत वर्ष पुरानी काल से अपने नैतिक एवं जीवंत और उच्च मूल्यों के लिए विश्व भर में विख्यात रहा है । उन्होंने कहा कि हमारे संत आदि शंकराचार्य ने अपने व्याख्यान से जनमानस को प्रेरित किया और 4 पीठों की स्थापना की।

वरिष्ठ पत्रकार एवं प्राध्यापक डॉ अश्विनी शर्मा ने उभरते हुए युवा पत्रकारों  को आह्वान किया कि वे पत्रकारिता के उच्च मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों का अनुसरण करें । उन्होंने कहा कि हाल ही में धर्मशाला में हुए जी-20 सम्मेलन में दूरदराज क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को जीत के प्रतिनिधियों को उपहार के तौर पर देखकर हिमाचल की समृद्ध संस्कृति को वैश्विक पटल पर पहुंचाने का सार्थक प्रयास किया गया, इससे हिमाचल की समृद्ध संस्कृति परिलक्षित हुई जिससे जी- 20देशों के प्रतिनिधियों ने पसंद किया

 

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए भारत में तैयार की गई तीन वैक्सीन केवल भारतवर्ष के लोगों के लिए कवच बनी, बल्कि दूसरे देशों के लोगों के लिए भी जीवनदायिनी सिद्ध हुई। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में तैयार इन तीनों वैक्सीन पर सर्व जन सुखाय, सर्व जन हिताय लिखा हुआ है, यानी सब लोग स्वस्थ और निरोगी रहें । उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से वासुदेव कुटुंबकम यानी पूरा विश्व एक परिवार की अवधारणा भारत की संस्कृति की रही है, जिसे हमें भविष्य में भी कायम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियां हैं और इनका सामना ज्ञान के आदान-प्रदान से होना चाहिए।

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