हिमाचल में फिर बजा चुनावी बिगुल, 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान

विधानसभा की देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव होगा। चुनाव आयोग के मुताबिक 14 जून को इसके लिए अधिसूचना जारी होगी। 21 जून तक नामांकन होगा, 24 जून तक नामांकन पत्रों की जांच होगी और 26 जून को नामांकन पत्र वापिस लिए जा सकते हैं। इसके बाद 10 जुलाई को  मतदान होगा। वहीं 13 जुलाई को मतगणना होगी।
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शिमला । चुनाव आयोग ने हिमाचल विधानसभा की तीन सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है। विधानसभा की देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव होगा। चुनाव आयोग के मुताबिक 14 जून को इसके लिए अधिसूचना जारी होगी। 21 जून तक नामांकन होगा, 24 जून तक नामांकन पत्रों की जांच होगी और 26 जून को नामांकन पत्र वापिस लिए जा सकते हैं। इसके बाद 10 जुलाई को बुधवार के दिन मतदान होगा। वहीं 13 जुलाई को मतगणना होगी। आयोग के अनुसार 15 जुलाई 2024 से पहले निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हो जानी चाहिए।


प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव हो रहे हैं। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर सीटों पर निर्दलीय विधायक विजयी हुए थे। देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा विधायक निर्वाचित हुए थे। निर्दलीय विधायक के तौर पर ये तीनों प्रदेश की कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे। लेकिन इसी साल 27 फ़रवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में इन तीनों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया और कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो गए।

इसके बाद 22 मार्च को तीनों निर्दलीय विधायकों ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया और भाजपा से शामिल हो गए। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत प्रभाव से इनके इस्तीफे मंजूर नहीं किये, जिस पर इन्होंने प्रदेश हाईकोर्ट का भी रुख किया। लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के नतीजों से एक दिन बीते तीन जून को हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तीन निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर, आशीष शर्मा और होशियार सिंह का इस्तीफा मंजूर किया और इसके बाद ये तीनों विधायक विधानसभा के सदस्य नहीं रहे।

बहुमत में सुक्खू सरकार, विधानसभा उपचुनाव के नतीजों का नहीं पड़ेगा असर

तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने के बाद अब प्रदेश विधानसभा के सदस्यों की संख्या 65 रह गई है। 68 सदस्य वाली प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों को दल बदल कानून के तहत अयोग्य ठहरा दिया गया था। इससे सदस्यों की संख्या घटकर 62 रह गई थी। तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने पर विधानसभा में 59 सदस्य रह गए थे। 4 जून को विस उपचुनाव के नतीजों में कांग्रेस के खाते में चार और भाजपा को दो सीटों पर जीत हासिल हुई।  इससे कांग्रेस के 38 और भाजपा के 27 विधायक हो गए। 68 सदस्यों वाली प्रदेश विस में बहुमत के लिए 35 का आंकड़ा चाहिए। वर्तमान कांग्रेस की सुक्खू सरकार के पास अभी 38 विधायकों का आंकड़ा है। ऐसे में विस उपचुनाव के नतीजों का सरकार पर कोई नहीं पड़ेगा।

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