Himachal CPS : पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा बोले, जा रही है कांग्रेस सरकार, छह सीटों पर होंगे उपचुनाव

सुधीर शर्मा ने कहा कि जब से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई थी, तब से यह मामला विवादों में घिरा हुआ था। अब हाईकोर्ट ने इस मामले पर अपना स्पष्ट और व्यापक निर्णय देते हुए इन नियुक्तियों को असंवैधानिक ठहरा दिया है, जो स्वागत योग्य है।
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हिमाचल प्रदेश में बुधवार को हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य के सभी छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्तियों को असंवैधानिक करार दिया है। इस फैसले के बाद इन सभी सीपीएस की कुर्सियां छिन गई हैं और राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। हाईकोर्ट के इस फैसले पर जहां विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है, वहीं कांग्रेस सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।  भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने हाईकोर्ट के इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है। सुधीर शर्मा ने कहा कि जब से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई थी, तब से यह मामला विवादों में घिरा हुआ था। अब हाईकोर्ट ने इस मामले पर अपना स्पष्ट और व्यापक निर्णय देते हुए इन नियुक्तियों को असंवैधानिक ठहरा दिया है, जो स्वागत योग्य है।  Himachal Pradesh High Court Chief Parliamentary Secretaries (CPS) Unconstitutional appointment BJP MLA Sudhir Sharma Office of Profit issue Assembly membership cancellation By-elections in six constituencies Double bench decision Congress government criticism State debt burden Supreme Court appeal Political turmoil Project delays in Himachal Himachal Pradesh governance issues BJP attack on Congress Congress removal from power Samosa theft comment Himachal politics

शिमला। हिमाचल प्रदेश में बुधवार को हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य के सभी छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्तियों को असंवैधानिक करार दिया है। इस फैसले के बाद इन सभी सीपीएस की कुर्सियां छिन गई हैं और राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। हाईकोर्ट के इस फैसले पर जहां विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है, वहीं कांग्रेस सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने हाईकोर्ट के इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है। सुधीर शर्मा ने कहा कि जब से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई थी, तब से यह मामला विवादों में घिरा हुआ था। अब हाईकोर्ट ने इस मामले पर अपना स्पष्ट और व्यापक निर्णय देते हुए इन नियुक्तियों को असंवैधानिक ठहरा दिया है, जो स्वागत योग्य है।

सुधीर शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे "ऑफिस ऑफ प्रॉफिट" का मामला बताया और कहा कि इन सभी छह विधायकों की विधानसभा सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए। उनके अनुसार, यह मुद्दा सिर्फ सीपीएस की नियुक्तियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर विधानसभा की सदस्यता पर भी पड़ेगा। सुधीर शर्मा का दावा है कि जल्द ही इन छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार यदि सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रही है तो इससे कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि हाईकोर्ट का निर्णय स्पष्ट और ठोस है, और सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसे मामलों में अपना निर्णय दे चुका है।

सुधीर शर्मा का दावाजा रही है कांग्रेस सरकार

सुधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि आज हिमाचल प्रदेश की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के शासन में राज्य को आगे बढ़ाने के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं आया है, जबकि अन्य राज्यों में मुख्यमंत्री अपने प्रदेश की प्रगति के लिए मेहनत कर रहे हैं। सुधीर शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि "जिस राज्य में समोसे ही चोरी हो जाते हों, वहां से कोई सकारात्मक उम्मीद नहीं की जा सकती।"

उन्होंने आगे कहा कि राज्य में बढ़ते कर्ज का बोझ चिंता का विषय है, और आने वाली सरकार को यह जिम्मेदारी उठानी होगी कि राज्य को आर्थिक रूप से कैसे सुदृढ़ किया जाए। सुधीर शर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार अब सत्ता से जा रही है और प्रदेश की जनता के बीच भाजपा की बढ़ती स्वीकार्यता इस बदलाव की तरफ इशारा करती है।

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