जेपी नड्डा को मिला स्वास्थ्य मंत्रालय, पहले भी रह चुके हैं हेल्थ मिनिस्टर

हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर से संबंध रखने वाले भाजपा पूर्व अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। जेपी नड्डा पहले भी 2014 से 2019 तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें सरकार में शामिल नहीं किया गया था।

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photo JP Nadda

शिमला ।   हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर से संबंध रखने वाले भाजपा पूर्व अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। जेपी नड्डा पहले भी 2014 से 2019 तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें सरकार में शामिल नहीं किया गया था। जून महीने में ही उनका अध्यक्ष पद पर कार्यकाल समाप्त हो रहा है। 2024 में मोदी सरकार में उनकी एक बार फिर वापसी हुई है। चार लोकसभा क्षेत्रों वाले हिमाचल से जेपी नड्डा अकेले कैबिनेट मंत्री हैं।

मूल रूप से बिलासपुर जिले के रहने वाले जगत प्रकाश नड्डा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ। नड्डा के पिता पटना विश्वविद्यालय में प्राध्यापक और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। जगत प्रकाश नड्डा की प्रारंभिक पढ़ाई पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बीए में स्नातक की। इसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से एलएलबी की पढ़ाई की। युवावस्था में जय प्रकाश नारायण की ओर से चलाए गए विभिन्न आंदोलनों में सक्रियता से भाग लिया। 1975 में जगत प्रकाश नड्डा बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए।

1983 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में वह एबीवीपी की ओर से विद्यार्थी परिषद के पहले अध्यक्ष चुने गए। साल 1989 में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री चुने गए। साल 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनाए गए। इसी साल उनकी शादी डॉ. मल्लिका नड्डा के साथ हुई। 1993 में नड्डा पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बिलासपुर सदर सीट से विधायक बने और नेता प्रतिपक्ष चुने गए। साल 1998 में दोबारा चुनाव जीते और भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने। साल 2003 के विधानसभा चुनाव वह हार गए। 2007 में उन्हें फिर से चुनाव जीतने का अवसर मिला।

प्रदेश की भाजपा सरकार में उन्हें वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का मंत्री बनाया गया। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ मतभेद बढ़ने पर साल 2010 में मंत्री पद छोड़कर दिल्ली चले गए। 2010 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए। अप्रैल 2012 में राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गए। साल 2013 में उन्हें दोबारा पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। 2014-2019 तक भारत सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की कमान संभाली। 17 जून 2019 में नड्डा को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। 20 जनवरी 2020 को जगत प्रकाश को निर्विरोध भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।

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