Local for Vocal: मोमबत्ती से 14 महिलाओं की आर्थिकी में आई चमक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के Local for Vocal के मूलमंत्र को आत्मसात कर राधे कृष्ण स्वयं सहायता समूह (Self help group) की महिलाएं मोमबत्तियां बनाने के काम में जुटी हैं।
ऊना। दीवाली का त्यौहार आ गया है। रोशनी के इस पर्व पर मोमबत्तियों की अच्छी-खासी मांग रहती है। बाजार की इसी मांग को ध्यान में रखते हुए ऊना के खड्ड गांव की 14 महिलाएं मोमबत्ती (Candle) बनाकर आजीविका कमा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल (Local for Vocal) के मूलमंत्र को आत्मसात कर खड्ड गांव के राधे कृष्ण स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मोमबत्तियां बनाने के काम में जुटी हैं। ताकि, इस बार दीवाली पर स्वेदशी मोमबत्तियां (indigenous candles) और अन्य सामान बाजार में उपलब्ध करवाया जा सके।
राधे कृष्ण स्वयं सहायता समूह (Self help group) खड्ड की सुनीता कुमारी बताती हैं कि उन्होंने दो महीने पहले कैंडल बनाने का काम शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने पीएनबी-आरसेटी के माध्यम से 10 दिन का प्रशिक्षण भी हासिल किया। प्रशिक्षण के बाद स्वयं सहायता समूह (Self help group) की सभी सदस्य अच्छी गुणवत्ता की मोमबत्ती तैयार कर रही हैं। स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार मोमबत्ती को प्रदर्शनी (exhibition) लगाकर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब त्यौहारी सीजन को देखते हुए उत्साहवर्धक बाजार की उम्मीद है।
राधे कृष्ण स्वयं सहायता समूह में लगभग 14 महिलाएं कार्य कर रही हैं। सभी मोमबत्ती बनाकर आजीविका उपार्जन कर रही हैं। समूह की कुलविंदर कौर कहती हैं कि पीएनबी-आरसेटी ने हमें कैंडल बनाने (candle making) का दस दिन का निःशुल्क प्रशिक्षण (free training) दिया था। उन्होंने कहा कि कैंडल के अलावा सर्फ आदि बनाने का कार्य भी समूह करता है। ब्लॉक स्तर पर भी समूह की काफी मदद की गई है। इसके कारण स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं आजीविका कमाकर अपने घर का खर्च चलाने में सक्षम बनी हैं।
उत्पाद बिक्री के लिए e-commerce website पर उपलब्ध
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत प्रदेश में 27 हजार महिला स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। जो विभिन्न प्रकार के उत्पाद बना रहे हैं। जिला ऊना में स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को सोमभद्रा ब्रांड नाम दिया है। समूहों द्वारा तैयार किए उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट से जोड़ा गया है। प्रदेश में तैयार 51 उत्पादों को पहले चरण में एमेजॉन ई-कॉमर्स (amazon e-commerce website) प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करवाया गया है।
एनआरएलएम में अच्छी आजिविका कमाने का मौका
हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष प्रो. राम कुमार ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को प्रदेश सरकार हर प्रकार से मदद प्रदान करती है। महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) की तरफ से आर्थिक मदद भी दी जाती है, जिससे वह अपना कामकाज शुरू कर सकें। NRLM से जुड़कर विशेष रूप से महिलाओं को अच्छी आजिविका कमाने का मौका मिला है। इससे उन्हें अपने घर का खर्च चलाने में काफी मदद मिली है और महिलाओं को एक अलग पहचान बनाने का अवसर भी मिला है।
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