हिमाचल सरकार का खजाना खाली, छह निगमों-बोर्डों के कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन

पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) कर्मियों, पंप ऑपरेटरों, वन निगम के दैनिक भोगियों और आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मियों समेत छह निगमों-बोर्डों के कर्मचारियों को 10 तारीख के बाद भी जून का वेतन नहीं मिला है। 
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शिमला ।   हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) कर्मियों, पंप ऑपरेटरों, वन निगम के दैनिक भोगियों और आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मियों समेत छह निगमों-बोर्डों के कर्मचारियों को 10 तारीख के बाद भी जून का वेतन नहीं मिला है। आर्थिक संकट के बीच हजारों कर्मचारियों के लिए परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है। सरकार का खजाना खाली है, जिससे कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा।

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने 18 मई को एचआरटीसी कर्मियों को हर माह की 7 तारीख को वेतन और पेंशन जारी करने का वादा किया था। वादा पूरा न होने से निगम कर्मी सरकार से खफा हैं।  मेडिकल कॉलेजों में लगे स्टाफ नर्स, वार्ड ब्यॉय, प्रयोगशाला तकनीशियनों को चार माह से मानदेय नही मिला है। श्रम एवं रोजगार कार्यालय में लगे आउटसोर्स कर्मचारियों को भी पिछले दो माह से तनख्वाह के लाले हैं। परिवहन निगम में 4,600 चालक और 4,400 परिचालक सेवाएं दे रहे हैं।

वर्तमान में हिमाचल पथ परिवहन निगम करीब 1,250 करोड़ से अधिक के घाटे में है। बीते कई महीनों से चालक-परिचालकों को समय पर मासिक वेतन नहीं मिल रहा। वेतन न मिलने से नाराज पंप ऑपरेटर रविवार से पेयजल आपूर्ति बाधित करेंगे, जबकि एचआरटीसी कर्मचारी भी आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।

एचआरटीसी चालक यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने बताया कि चालक यूनियन के सदस्यों से वर्चुअल बैठक कर तुरंत आगामी रणनीति बनाई जाएगी।

वन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ कर्मचारियों को नियमित वेतन देने की मांग काे लेकर लोक निर्माण एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह से चंबा में मिला। संघ के अध्यक्ष याकूब ने बताया कि कर्मचारियों को हर माह मस्टररोल जारी किया जाए। वहीं वरिष्ठता के आधार पर कर्मचारियों को नियमित करने की व्यवस्था की जाए।

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