हमीरपुर के 538 स्कूलों को आपदा प्रबंधन के तहत जारी किए 13,9 800 रुपए

जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आपदा प्रबंधन के तहत हमीरपुर जिला के 538 स्कूलों को तीन मदों में 13 लाख नौ हजार 800 रुपए की राशि वितरित की गई, ताकि स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को आपदा के प्रति जागरूक किया जा सके। इनमें जिला के 100 स्कूलों को प्रति स्कूल 10 हजार रुपए की राशि गैर संरचनात्मक जोखिम रामन के लिए वितरित की गई है।
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हमीरपुर ।  जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आपदा प्रबंधन के तहत हमीरपुर जिला के 538 स्कूलों को तीन मदों में 13 लाख नौ हजार 800 रुपए की राशि वितरित की गई, ताकि स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को आपदा के प्रति जागरूक किया जा सके। इनमें जिला के 100 स्कूलों को प्रति स्कूल 10 हजार रुपए की राशि गैर संरचनात्मक जोखिम रामन के लिए वितरित की गई है। यह राशि स्कूलों में उन जगहों पर खर्च की जाएगी, जिसकी वजह से आपदा के दौरान छात्रों व शिक्षकों को चोट इत्यादि लगने की ज्यादा संभावना रहती है। जैसे की अलमारियां जोकि आपदा के दौरान किसी के ऊपर गिर सकती हैं, उन्हें दीवारों के साथ पक्का करने के लिए यह राशि खर्च की जाएगी, ताकि आपदा के समय यह अलमारियां किसी के सिर पर न पड़ें।

इसके अलावा जिला के 433 स्कूलों को प्रति स्कूल 600 रुपए डिस्पले बोर्ड लगाने के लिए दिए गए हैं। स्कूलों के डिस्प्ले बोर्ड पर आपातकालीन नंबर दर्शाए जाएंगें, ताकि आपदा के दौरान छात्र व शिक्षक आपातकालीन नंबर का समय पर प्रयोग कर सकें। इसके लिए स्कूलों को दो लाख 59 हजार 800 रुपए की राशि स्कूल शिक्षा कार्यक्रम के तहत स्कूलों को डिस्पले बोर्ड के लिए दिए गए हैं। इसके अलावा हमीरपुर जिला के पांच ब्लॉकों के एक-एक स्कूल को मॉक ड्रिल के लिए प्रति स्कूल 10 हजार रुपए की राशि वितरित की गई है। ऐसे में पांच स्कूलों को 50 हजार रुपए की राशि जारी की गई है।

स्कूल इस राशि से मॉकड्रिल आयोजित करवाएंगें, ताकि अगर कोई आपदा आती है, तो छात्रों व शिक्षकों को इसका ज्ञान होना चाहिए कि वह इससे किस तरह बच सकते हैं। इसलिए स्कूलों में बेहतर मॉकड्रिल करवाई जाए, जिसमें स्कूलों के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाए, ताकि वह आपदा के समय बचाव की जानकारी अपने परिजनों व दोस्तों के साथ भी सांझा कर सकें।

यह जानकारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौना व जिला आपदा प्रबंधन प्रभारी के प्रधानाचार्य ने दी है। उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों को 15 जून से पहले यह राशि खर्च करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी स्कूल आयोजन प्रमाण पत्र जिला परियोजना कार्यालय को समय पर भेजना सुनिश्चित करें। स्कूल इस राशि से मॉकड्रिल आयोजित करवाएंगें, ताकि अगर कोई आपदा आती है, तो छात्रों व शिक्षकों को इसका ज्ञान होना चाहिए कि वह इससे किस तरह बच सकते हैं। इसलिए स्कूलों में बेहतर मॉकड्रिल करवाई जाए, जिसमें स्कूलों के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाए, ताकि वह आपदा के समय बचाव की जानकारी मिल सके।

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