हमीरपुर । इस आपदा के समय में प्रदेश सरकार को केंद्र से मदद भी चाहिए और साथ में आलोचना भी करेंगे, यह उचित नहीं लगता। मोदी सरकार तो लगातार मदद कर रही है। सरकार को आपसी सहयोग से इस आपदा के समय में काम करना चाहिए और आलोचना से बचना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने जारी प्रेस ब्यान में यह बात कही है।
पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना केंद्र सरकार का निर्णय होता है। यह निर्णय तय नियमों के आधार पर होता है। राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए नियम भी 2008 में केंद्र सत्तासीन कांग्रेस की यूपीए सरकार ने बनाये थे। इसलिए यह दो सरकारों के बीच का मामला है। प्रदेश सरकार ने यदि मांग उठाई है तो केंद्र सरकार नियमों के तहत जो उचित समझेगी वह करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने बताया कि पहले वर्ष 2000 में भी सतलुज त्रासदी प्रदेश में हुई थी। बहुत नुकसान हो गया था । उस समय भी केंद्र की ओर से एयरपोर्ट के हेलीकॉप्टर प्रदेश में राहत कार्यों के लिए दिए गए थे और नियमों के तहत जो आपदा राशि बनती थी वही प्रदेश को केंद्र से मिली थी। क्योंकि आपदा के लिए नियमों के तहत तय निश्चित राशि ही मिलती है। और केंद्र से एक टीम आकर प्रदेश में असेसमेंट करती है करती है कि कितना नुकसान हुआ है फिर टीम उस आंकलन के आधार पर सिफारिश करती है जिसके आधार पर केंद्र सरकार निर्णय लेती है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार मोदी सरकार ने प्रदेश की मदद की है आगे भी पूरी मदद होगी। अभी तक प्रदेश सरकार को केंद्र में बहुत मदद भेजी है और आगे भी केंद्र सरकार प्रदेश को पूरी मदद भेजेगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी का सड़कों, नेशनल हाइवे और फोरलेन के नुकसान के लिए दौरा हुआ था तब उन्होंने शीघ्र मदद का पूरा भरोसा भी दिलाया था और उन सबको ठीक करने का काम भी शुरू हो गया है।
इसी प्रकार अभी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी हिमाचल प्रदेश को 2643 करोड रुपए मंजूर किए हैं। इससे भी प्रदेश की 254 सड़कों को अपग्रेड करने के लिए, बनाने के लिए मदद मिलेगी जिनमें अभी तक दिक्कत आ रही थी। प्रदेश सरकार को केंद्र से मिलकर काम करना चाहिए सहयोग करना चाहिए और आलोचना से बचना चाहिए।