Himachal News : दियोटसिद्ध मंदिर में चहेतों को लाभ देने के लिए टेंडर नियमों में हुई छेड़छाड़, निर्धारित तिथि पर नहीं खोला गया टेंडर

चैत्र मेले को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों को हायर करने के लिए टेंडर फ्लोट किया था। इस टेंडर को खोलने की तारीख 5 मार्च को फिक्स की गई थी, लेकिन यह टेंडर अभी तक नहीं खोला गया है। सूत्रों के मुताबिक 14 कंपनियों ने यह टेंडर डाला है।
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Temple deotsidh

हमीरपुर । उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध ट्रस्ट में एक बार फिर प्रशासनिक मनमानी का मामला सामने आया है। चैत्र मेले को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों को हायर करने के लिए टेंडर फ्लोट किया था। इस टेंडर को खोलने की तारीख 5 मार्च को फिक्स की गई थी, लेकिन यह टेंडर अभी तक नहीं खोला गया है। सूत्रों के मुताबिक 14 कंपनियों ने यह टेंडर डाला है। व्यवस्था की कलाकारी का आलम यह है कि इस टेंडर में खुलने से पहले ही गड़बड़झाले का अंदेशा झलक रहा है।  टेंडर की शर्तों में मनमुताबिक छेड़छाड़ की गई है। 

वर्ष 2021 में इस टेंडर के लिए जिसमें 25 सफाई कर्मी भर्ती किए जाने थे कि धरोहर राशि 40 हजार रुपए के साथ 1 करोड़ रुपए की टर्नओवर की शर्त रखी गई थी। जबकि इस बार वर्ष 2025 के लिए मात्र 10 हजार रुपए धरोहर राशि की शर्त रखी गई है और टर्नओवर की कंडीशन इस टेंडर में पूरी तरह नदारद रखी गई है। टेंडर लेने वाली कंपनी के लिए एक्सपिंयरस एक साल की शर्त रखी गई है। लेकिन एक्सपिंयरस कहीं भी हो सकता है, क्योंकि टेंडर में सरकारी नियम के मुताबिक एक्सपिंयरस में कोई भी शर्त क्लीयर नहीं है।
चैत्र मेले के दौरान मंदिर परिसर में करीब 40 हजार श्रद्धालु एक समय में मौजूद रहता है। ऐसे में यहां सफाई व्यवस्था को अंजाम देना आसान काम नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि टेंडर की शर्तों को आसान करके टेंपल ट्रस्ट प्रशासन किसको लाभ पहुंचाना चाहता है यह टेंडर की शर्तों में छेड़छाड़ का अंदेशा बना है। दूसरा अहम सवाल यह भी है कि जब टेंडर खोलने की तारीख 5 मार्च फिक्स की गई थी तो टेंडर किस कारण से नहीं खोला गया है और इसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही किसकी है।
पूर्व में किए गए सफाई टेंडरों की प्रक्रिया पर ध्यान दें तो तीन अलग-अलग टेंडरों को तोड़ कर एक टेंडर बनाया गया है। जबकि पूर्व में गौशाला की सफाई कूडे की डंपर खाली करने व मंदिर परिसर की सफाई के लिए तीन अलग-अलग टेंडर लगाए जाते थे। अब तक पूर्व टेंडर के मुताबिक जिसको 25 सफाई कर्मी करते आए हैं, उस सफाई काम को इस बार के टेंडर में 42 सफाई कर्मी मांगे गए हैं। हैरानी यह है कि पूर्व में 25 सफाई कर्मी के लिए धरोहर राशि 40 हजार रुपए थी अब 42 सफाई कर्मियों के लिए धरोहर राशि मात्र 10 हजार रुपए रखी गई है जोकि यह बताने के लिए काफी है कि किसी  चहेते को लाभ देने के लिए टेंडर की शर्तों व नियमों को आसान करने के लिए छेड़छाड़ की गई है।
उधर, मंदिर अधिकारी संदीप चंदेल ने बताया कि अकाउंट आफिसर के छुट्टी पर होने के कारण टेंडर 5 मार्च को नहीं खोला जा सका है। अब टेंडर की प्रक्रिया सोमवार 10 मार्च को पूरी की जाएगी।

उधर, मंदिर ट्रस्ट चेयरमैन एवं एसडीएम बड़सर राजेंद्र गौतम ने बताया कि टेंडर टेंपल ऑफिस दियोटसिद्ध में ही खोले जाते हैं लेकिन इस टेंडर में ऐसा क्यों हुआ और यह टेंडर नियमानुसार समय से क्यों नहीं खोला गया। इस मामले को लेकर मैं मंदिर कार्यालय में जाकर स्वयं जांच करूंगा।

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