Himachal Assembly Byelection : सीएम के गृह जिले में फिर उपचुनाव, तलबगारों की लंबी फौज

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृह जिला के विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर में चुनावी बिगुल बज गया है। उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। आजाद विधायक आशीष शर्मा के इस्तीफे के बाद यहां पर चुनाव तय हुआ है। संभावना है कि भाजपा उन्हें टिकट दे सकती है हालांकि, स्थिति साफ नहीं है। 
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हमीरपुर । प्रदेश में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने होने के बाद खाली हुई तीन सीटों के लिए फिर उपचुनाव हो रहा है। इनमें मुख्यमंत्री के गृहजिले की हमीरपुर सदर सीट भी शामिल है। हमीरपुर सदर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद यहां सीट खाली हुई है। सोमवार को चुनाव की घोषणा होते ही सदर सीट पर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृह जिला के विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर में चुनावी बिगुल बज गया है। उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं।

आजाद विधायक आशीष शर्मा के इस्तीफे के बाद यहां पर चुनाव तय हुआ है। विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद आशीष शर्मा भाजपा में शामिल हो गए थे। संभावना है कि भाजपा उन्हें टिकट दे सकती है। हालांकि, स्थिति साफ नहीं है। इधर, बीते विधानसभा चुनाव में टिकट की दौड़ में रहे भाजपा नेता और पूर्व प्रत्याशी पूर्व विधायक नरेंद्र ठाकुर के कदम पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं। कांग्रेस में भी टिकट को लेकर नेता सक्रिय हो गए हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष ने तुरंत एक बैठक बुलाई तो कांग्रेस के नेता खासकर टिकट के चाह्वानों ने भी अपनी एक्टिविटी बढ़ा दी। वर्तमान घटनाक्रम देखें, तो हमीरपुर से आशीष शर्मा भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी पार्टी की तरफ से कोई घोषणा नहीं हुई है।

उधर, बात कांग्रेस की करें, तो यहां की पिक्चर अभी साफ नहीं है। पिछली बार कांग्रेस ने डा. पुष्पेंद्र वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। अब सबकी नजरें इस बात पर रहेंगी कि क्या कांग्रेस यहां पुराने चेहरे पर ही दांव खेलेगी या फिर नया एक्सीपेरिमेंट करेगी। यदि बीजेपी आशीष शर्मा का टिकट फाइनल करती है, तो देखना होगा कि क्या ब्राह्मण चेहरे के सामने कांग्रेस कोई ब्राह्मण चेहरा ही उतारेगी या फिर पुराने मोहरे पर दांव खेलेगी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सदर सीट पर कांग्रेस की विजय पताका फहराने के लिए कोई नया प्रयोग कर सकते हैं। चुनाव आयोग के शेड्यूल के अनुसार 10 जुलाई को चुनाव होगा और 13 जुलाई को नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे।


 

बीते विधानसभा चुनाव की तरह ही उपचुनाव में भी कांग्रेस पार्टी के टिकट के लिए एक नहीं बल्कि कई नेता दौड़ में हैं। कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी पुष्पेंद्र वर्मा, पूर्व विधायक केसीसी बैंक चेयरमैन कुलदीप पठानिया, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू, पूर्व विधायक अनीता वर्मा और एडवोकेट रोहित शर्मा एक बार फिर टिकट की दौड़ में है। यह सभी नेता विधानसभा चुनाव में टिकट की दौड़ में रहे हैं। वहीं, भाजपा से विधानसभा चुनाव में टिकट के दौड़ में युवा नेता नवीन शर्मा अंतिम दौर तक बन रहे थे। इस सीट पर धूमल परिवार के करीबी प्रदेश भाजपा के सचिव नरेंद्र अत्री का नाम भी सामने आया था। हालांकि बाद में सिटिंग विधायक नरेंद्र ठाकुर पर ही पार्टी ने भरोसा जताया। 

पूर्व विधायक आशीष शर्मा का कहना है कि पार्टी हाई कमान के निर्देशों पर ही आगे कार्य होगा। वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन में काम करेंगे।

वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास को गति दी है और इसके आधार पर ही चुनाव लड़ा जाएगा।

सीएम का मिशन ‘फोर’

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद हमीरपुर से हैं, इसलिए वह हमीरपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव को हर हाल पर जीतना चाहेंगे। हाल ही में जो उपचुनाव हुआ है, उसमें हमीरपुर की दो सीटों में से एक को कांग्रेस हार चुकी है। वतर्मान में मुख्यमंत्री को मिलाकर हमीरपुर जिला में कांग्रेस के तीन विधायक हो चुके हैं। सुजानपुर को जीतने के बाद कांग्रेस के पास अब तीन सीटें हुई हैं। माना जा रहा है कि सीएम फिर से जिले में कांग्रेस की चार सीटें करना चाहते हैं।

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