Hamirpur News : डायरिया के कुल मामले हुए 207, सक्रिय 163, दो और पंचायतें आई चपेट में

ग्राम पंचायत लंबलू  व चमनेड़ के बाद अब दो और पंचायतों में डायरिया फैल गया है। ग्राम पंचायत बफ्ड़ी व ग्राम पंचायत गसोता में भी डायरिया फैल गया है। सोमवार  को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम इन पंचायतों के गांवों में स्क्रीनिंग करती रही। कुल मरीजों की संख्या 207 है, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 163 है। चार लोग अस्पताल में दाखिल हैं।
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हमीरपुर ।   जिला हमीरपुर की ग्राम पंचायत लंबलू और चमनेड़ के पांच गांवों में डायरिया फैल हुआ है। ग्राम पंचायत लंबलू  व चमनेड़ के बाद अब दो और पंचायतों में डायरिया फैल गया है। ग्राम पंचायत बफ्ड़ी व ग्राम पंचायत गसोता में भी डायरिया फैल गया है। सोमवार  को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम इन पंचायतों के गांवों में स्क्रीनिंग करती रही। कुल मरीजों की संख्या 207 है, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 163 है। चार लोग अस्पताल में दाखिल हैं। विभाग ने चार पानी के सैंपल जांच के लिए डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर भेजे।

सोमवार को भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अग्निहोत्री ने ग्राम पंचायत लंबलू के प्रधान की अध्यक्षता में लोगों को डायरिया के बारे में किया जागरूक किया।  इस मौके पर उनके साथ खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अवनीश शर्मा व खंड स्वास्थ्य शिक्षक कमल मनकोटिया भी मौजूद रहे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लोगों को जागरूक किया कि वह डायरिया से डरे नहीं बल्कि उसके बचाव के तरीकों को अपनाएं। लोगों से अपील की कि वह साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें और किसी प्रकार की समस्या आने पर नजदीकी स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा कार्यकर्ता या पानी में किसी प्रकार की गंदगी आने पर पानी के विभाग के या अन्य कर्मचारियों से तुरंत संपर्क करें।

इस मौके पर जल शक्ति विभाग से एसडीओ और अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे। डॉ. अग्निहोत्री ने कहा कि गत दिवस तक जितने मरीज दर्ज किए गए थे  जिसमें से अधिकतर मरीज ठीक हो रहे हैं। दो नई पंचायत में भी डायरिया के कैस आए हैं जिसमें ग्राम पंचायत बफ्ड़ी में कुल 19 मरीज आए हैं और ग्राम पंचायत गसोता में आठ नए मरीज आए हैं। सोमवार को कुल 44 मरीज नए आए हैं। अभी तक कुल 40 मरीज ठीक भी हो चुके हैं।  सक्रिय केसों की संख्या 163 है और चार लोग अस्पताल में दाखिल हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्रिहोत्री ने कहा कि दवाइयों की आपूर्ति भरपूर है। वहीं, डायरिया के केस मेडिकल कॉलेज जा रहे थे। ऐसे में लोगों को इतने दूर न जाना पड़े इसके लिए आयुष अस्पताल लंबूल में ही दवाइयों व चिकित्सकों का प्रबंध कर दिया गया है। वहीं, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने वहां पर एलोपैथिक पीएचसी खोलने का भी प्रपोजल दिया जिसे शीघ्र ही सरकार के पास भेजा जाएगा। डॉ. अग्निहोत्री ने कहा कि स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में है। लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सुविधाएं घर-द्वार पर उपलब्ध करवाई जा रही हैं। डायरिया का प्रभाव दो पंचायतों के पांच गांवों में है।

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