Hamirpur News : खैर उखाड़कर मिट्टी में दबा दिए ठूंठ, वन विभाग की आंखों में झोंकी धूल

शिकायतकर्ता परमजीत ढटवालिया ने कहा कि ठेकेदारों  द्वारा  सैंकड़ों पेड़ जड़ से उखाड़ कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाई गई तथा लाखों का गोलमाल किया गया है। लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से केवल जमीदारों के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट बनाने की बात कही जा रही है। जबकि इस सारे मामले के असली सूत्रधार ठेकेदार हैं।
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हमीरपुर ।  उपमंडल बड़सर में  सैंकड़ों  खैर के पेड़ों को जड़ से ही उखाड़ने के बाद कई जगह लकड़ी के ढूंठ दबाकर विभाग की कार्यवाही से बचने की कोशिश की गई है। क्योंकि खैर  कटान की प्रमिशान मिलने के वावजूद भी नियमों के तहत खैर के पेड़ को जड़ से नहीं उखाड़ा जा सकता। लेकिन खैर माफिया द्वारा चांदी कूटने के लालच में पेड़ तो उखाड़ दिए गए । अब शिकायत के बाद कई जगह वन विभाग की कार्यवाही से बचने के लिए पेड़ उखाड़ने वाली जगह पर मिट्टी में लकड़ी के ठूंठ दबा दिए गए हैं ।

सारा वाक्या विभाग की आंखों में धूल झोंकने को लेकर किया गया है। लेकिन हैरानी की बात है कि विभागीय कर्मचारी इस मामले का अभी तक संज्ञान नहीं ले सके हैं। विभाग के अधिकारी सैंकड़ों पेड़ों को जड़ से उखाड़े जाने की बात मानकर जमीदारों के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट काटने की बात को लेकर अड़े हुए हैं । जबकि ठेकेदारों के खिलाफ वे कोई भी कार्यवाही करने से बच रहे हैं।  स्थानीय जनता जानना चाहती है कि आखिर बड़सर में चल क्या रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले माफिया पर क्या कोई कार्यवाही न करने का दवाब अधिकारियों पर है या फिर कोई और बात है।
बता  दें कि टेंन इयर्स प्रोग्राम के तहत बचे हुए खैरों को काटने की परमिशन बिभाग से कुछ ठेकेदारों ने ली है। आजकल उन खैर के कटान का काम बोहनी, सुदर और सठवीं गाँब में चला हुआ है। जिसमें ठेकेदार द्वारा जमींदारों को खेरों के ऊपरी हिस्से के पैसे दिए गए । लेकिन नियमों के विपरीत खेरों को जड़ों से ही उखाड़ा जा चुका है।  अब शिकायत के बाद विभागीय कर्मचारियों द्वारा पेड़ो  को जड़ों से उखाड़ने पर रोक की बात कही जा रही है । लेकिन मीडिया द्वारा जब कटान की जगह का मुआयना किया गया, तो पाया गया की पेड़ों को उखाडकर उनकी जगह धूंठ गाड़कर कार्यवाही से बचने की कोशिश की गई है। जबकि विभाग के अधिकारियों के बयानों में भी कार्यवाही को लेकर विरोधाभास पाया जा रहा है ।
गौर रहे कि बिझड़ी फॉरेस्ट रेंज की सठवीं बीट में खैर के पेड़ों को जड़ से उखाड़े के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई थी। वन विभाग ने चार ठेकेदारों के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट काटी थी। उनमें कमलेश कुमारी, अजय कुमार, रवि कुमार व एक अन्य ठेकेदार शामिल है। बता दें कि जिस महिला ठेकेदार के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट काटी गई है, वह एक पंचायत की वर्तमान में प्रधान भी है।   इससे पूर्व  11 जिमींदारों के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट काटी गई थी। विभाग ने खैर कटान पर भी रोक लगा दी है।   सठवीं बीट में निजी भूमि से खैर के करीब 80 पेड़ों का कटान किया गया था। इस दौरान कई पेड़ों को बिना वन विभाग की अनुमति के जड़ से ही उखाड़ दिया गया है। इस मामले की सूचना डीएफओ हमीरपुर को मिली तो उन्होंने तुरंत निर्देश जारी करते हुए वन कर्मियों को कार्रवाई के आदेश दिए थे।
 

सैंकड़ों पेड़ जड़ से उखाड़ कर पर्यावरण को पहुंचाई क्षति : ढटवालिया

 वहीं  शिकायत कर्ता परमजीत ढटवालिया ने कहा कि ठेकेदारों  द्वारा  सैंकड़ों पेड़ जड़ से उखाड़ कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाई गई तथा लाखों का गोलमाल किया गया है। लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से केवल जमीदारों के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट बनाने की बात कही जा रही है। जबकि इस सारे मामले के असली सूत्रधार ठेकेदार हैं। उन्होंने डीएफओ हमीरपुर  से माँग की गई है कि इस सारे मामले पर संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही की जाए।
वहीं  बीओ बिझड़ी ने कहा कि  ठेकेदारों के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं बनती है , क्योंकि पेड़ निजी जमीन से उखाड़े गए हैं। लेकिन सवाल ये है कि इसी विभाग के आला अधिकारी कह रहे हैं कि ठेकेदार और जमींदार दोनो के खिलाफ कार्यवाही बनती है,  तो फिर बी ओ क्यों मामले की लीपापोती करने में लगे हुए है।
 उधर,  रेंज ऑफिसर बिझड़ी अमर चंद  ने बताया  कि सैंकड़ों पेड़ जड़ों से उखाड़ दिए गए हैं। जिनकी जमीन से पेड़ उखाड़े गए हैं । उनके खिलाफ डेमेज रिपोर्ट 500 रुपये  प्रति पेड़ के हिसाब से काट कर आगामी कार्यवाही की जा रही है।
 उधर, डी एफ ओ हमीरपुर राकेश कुमार ने बताया कि इस मामले में जमीदार और ठेकेदार दोनों दोषी पाए गए हैं।  इसलिए दोषियों के खिलाफ लैंड प्रोजोर्वेशन एक्ट के तहत कार्यवाही की जायेगी।  नियमों के खिलाफ काम करने वालों से वन विभाग सख्ती से निपटेगा। 

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