Hamirpur News : चकमोह कॉलेज में स्नात्तकोत्तर स्तर की कक्षायें बंद करने का विरोध जारी

बाबा बालक नाथ डिग्री कॉलेज चकमोह में पीजी कक्षाओं को बंद करने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों व युवक मंडल के सदस्यों ने जमकर विरोध किया। समाजसेवी संजीव शर्मा ने भी भाग लिया, भबिष्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी।  दी
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हमीरपुर ।   बाबा बालक नाथ डिग्री कॉलेज चकमोह में पीजी कक्षाओं को बंद करने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों व युवक मंडल के सदस्यों ने जमकर विरोध किया। इस दौरान कॉलेज के मुख्य द्वार के पास सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासन व मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।  लोगों का आरोप है कि कॉलेज में जान बूझ कर प्राद्यापकों के पदों क़ो खत्म किया जा रहा है।कॉलेज में सेवानिवृति के बाद खाली हो रहे पदों पर नए प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। कॉलेज को आगे बढ़ाने की बजाय लगातार इसे पीछे की ओर धकेला जा रहा है। 

इस सत्र से एम.ए. हिंदी और संस्कृत के विषयों क़ो बंद कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। जिसके चलते इन विषयों में दाखिला लेने वाले छात्र असमंजस में हैं कि वह किधर जाएं।  स्थानीय लोगों ने कहा कि बड़सर के बड़े-बड़े नेता वोट लेने के लिए जनता के आगे नतमस्तक हो जाते हैं तथा बड़े-बड़े वायदे करते हैं।  लेकिन जब आम जनता के हित की बात होती है तो वह कहीं भी नजर नहीं आते।  लोगो ने कहा कि बाबा बालक नाथ कॉलेज में आम जनता के गरीबबच्चे शिक्षा ग्रहण कर आज उच्च पदों पर आसीन हैं लेकिन इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा की प्रशासन की अनदेखी के कारण आज यह कॉलेज लगातार अपनी पहचान खोता जा रहा है।
  हिंदी व संस्कृत के प्रवक्तायों के रिटायर होने के बाद कोई नई भर्ती नहीं की गई उलटे उन विषयों क़ो ही बंद कर दिया गया। ऐसा नहीं कि यह हाल डिग्री कॉलेज का ही है बल्कि न्यास द्वारा संचालित संस्कृत कॉलेज में भी ऐसा ही चल रहा है। संस्कृत कॉलेज के 8 में से पांच प्रवक्ता सेवानिवृत हुए हैं । लेकिन कोई नई भर्ती न होने के कारण अब वहां केवल मात्र 3 प्राध्यापक ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। संस्कृत कॉलेज में प्रधानाचार्य का पद कई महीनों से रिक्त चल रहा है।
वहीं  भाजपा नेता एवं समाजसेवी संजीव कुमार शर्मा ने कहा  कि स्थानीय नेता को जनता ने चुनकर विधानसभा तक पहुंचाया है।  इसलिए उनको चाहिए कि जनता के इस मुद्दे को वे जोर शोर से आगे रखें तथा इसका समाधान करें, अन्यथा हमें कड़े आंदोलन का रुख अपनाना होगा।
  उधर कॉलेज प्रधानाचार्य नरेश कुमार ने बताया कि स्नात्तकोत्तर पर हिंदी और संस्कृत दो विषयों की कक्षायें आगामी आदेशों तक स्थगित की गई हैं । उन्हें पूर्ण रूप से बंद नहीं किया गया है । जैसे ही प्राध्यापकों की नियुक्ति होगी और सम्बन्धित विषयों में छात्रों की संख्या बढ़ेगी, इन क़ो दोवारा शुरू करने पर विचार किया जाएगा।

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