Hamirpur News : दियोटसिद्ध मंदिर में आग के इंतजामों की लापरवाही पड़ सकती है भारी

बाबा बालक नाथ  मंदिर दियोटसिद्ध की पावन गुफा के परिसर में जहां लंगर भवन महंत श्री आवास के साथ सैकड़ों खोखानुमा मार्किट बनी है। इस परिसर में अगर आग जैसी कोई घटना होती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आने-जाने का रास्ता नहीं है। इन दिनों धौलगिरी पर्वत के चारों ओर फैले जंगलों में भीषण आग लगी हुई है।
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Temple Deotsidh

हमीरपुर ।  हमीरपुर जिला में विश्व का प्रख्यात सिद्धपीठ मंदिर बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध आग की खतरे की जद में है। यहां कभी भी कोई भी अनहोनी हो सकती है। हैरतअंगेज यह है कि सब कुछ जानते बूझते हुए मंदिर न्याय प्रशासन इस गंभीर खतरे के प्रति अनजान बना बैठा है। व्यवस्था की अव्यवस्था व घोर लापरवाही का आलम यह है कि धौलगिरी पर्वत के शिखर पर स्थित इस सिद्धतीर्थ में आग के गंभीर खतरे से निपटने के इंतजाम न के बराबर है।

बाबा बालक नाथ  मंदिर दियोटसिद्ध की पावन गुफा के परिसर में जहां लंगर भवन महंत श्री आवास के साथ सैकड़ों खोखानुमा मार्किट बनी है। इस परिसर में अगर आग जैसी कोई घटना होती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आने-जाने का रास्ता नहीं है। इन दिनों धौलगिरी पर्वत के चारों ओर फैले जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। आग की भयंकर लपटें लंगर भवन सराय नंबर 9 महंत श्री आवास सराय नंबर 8 के साथ खोखा मार्केट को रह-रह कर डराती हैं। क्योंकि पहाड़ पर ऊपर की तरफ हवा का दबाव होने के कारण यह लपटें कब इस परिसर को भीषण त्रासदी में बदल दे कहा नहीं जा सकता।
आपात स्थिति में करोड़ों रुपए की लागत से बने लंगर भवन के साथ महंतश्री आवास तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी को पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है। यहां आने जाने के लिए सिर्फ छोटी गाड़ी का रास्ता बचा है।  इस रास्ते को स्वयं न्यास प्रशासन द्वारा कराए गए निर्माण ने रोका है। हालांकि जब लंगर भवन का निर्माण हो रहा था तब भी इस गंभीर स्थिति से अवगत करवाया गया था। जिस पर न्यास प्रशासन ने यह कह कर अपना पिंड छुड़ा लिया था कि लंगर भवन और सराय नंबर 9 के बीच मात्र 5 मीटर रास्ते को बाद में खोल दिया जाएगा। लेकिन यह मामला वर्षों से तब से लेकर अब तक लटकता आ रहा है। 
इस परिसर में सीजन के दिनों में करीब 20 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन मौजूद रहता है जबकि आम दिनों में भी हजारों श्रद्धालुओं के साथ खोखा मार्केट के साथ सैकड़ों दुकानदार व उनके कर्मी कार्यरत रहते हैं।  ऐसे में मौजूदा माहौल में यह क्षेत्र कभी भी आग की भेंट चढ़ सकता है । जिससे यहां कोई बड़ी त्रासदी हो सकती है। अब मंदिर प्रशासन खुद के भवनों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में चल रही खोखा मार्किट व अन्य निजी भवनों के प्रति इस गंभीर खतरे से लापरवाह क्यों है, कहा नहीं जा सकता है।
विगत रविवार भी आग लगने पर यहां पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी को घंटों मशक्कत करनी पड़ी है। लेकिन अगर गाड़ी को लंगर भवन के साथ मंदिर न्यास की डिस्पेंसरी के साथ समाधि तक जाना होता तो खुद के बेतरतीब निर्माण व भविष्य की योजनाओं को ध्यान में न रखने के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ी यहां नहीं पहुंच पाती।
 उधर, मंदिर ट्रस्ट दियोटसिद्ध महंत श्री श्री श्री 1008 राजेंद्र गिरी जी महाराज ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा व आग के खतरे के मध्यनजर लंगर भवन के मैदान तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आने का इंतजाम न्यास प्रशासन की जिम्मेदारी व जवाबदेही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यास प्रशासन को मैदान तक गाड़ी को पहुंचाने के लिए रास्ते को खोलना जरूरी है।

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